वर्ल्ड कप 2019 में इंग्लैंड की टीम है फेवरेट, जानिए मजबूत और कमजोर पक्ष और साथ ही एक्स फैक्टर
22 मई। आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की संयुक्त मेजबानी में जब पिछला विश्व कप खेला गया था तब इंग्लैंड का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। वह सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सकी थी। अब चार साल बाद विश्व कप इंग्लैंड एंड वेल्स में आया है और मेजबान देश को जीत का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है।
यह कहानी ऐसे ही नहीं बदली। 2015 विश्व कप की इंग्लैंड टीम में और इस टीम में जमीन आसमान का अंतर है। यह टीम वो है जिसने साबित किया है कि उसके लिए कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं है।
हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की वनडे सीरीज में इंग्लैंड ने 350 के स्कोर को बेहद आसान बना दिया। बीते दो साल में अगर इंग्लैंड की क्रिकेट को देखा जाए तो उसके लिए 350 के पार का स्कोर बनाना मुश्किल नहीं रहा है।
इसी इंग्लैंड ने 19 जून 2018 को नॉटिंघम में आस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे क्रिकेट का सर्वाधिक स्कोर खड़ा किया था। यह स्कोर था छह विकेट के नुकसान पर 481 रन। यह इंग्लैंड की खासियत है कि वह रनों का पहाड़ खड़ा भी कर सकती है तो उसे हासिल करने का दम भी रखती है।
उसकी बल्लेबाजी में इतनी गहाई, ताकत है और इसी कारण इंग्लैंड इस विश्व कप में जीत की सबसे बड़ी दावेदार है। उसके पास ऐसे बल्लेबाज हैं जो ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने का दम रखते हैं लेकिन साथ ही विकेट पर खड़े होने का कबिलियत भी इन बल्लेबाजों में है। दोनों योग्यताओं का एक साथ होना, इसके बल्लेबाजी क्रम को विश्व कप का सबसे मजबूत बल्लेबाजी क्रम बनाता है।
बल्लेबाजी में टीम के पास जॉनी बेयरस्टो, कप्तान इयोन मोर्गन, जोस बटलर, जोए रूट, जेसन रॉय जैसे बल्लेबाज हैं। इन सभी के प्रदर्शन से दुनिया के गेंदबाज वाकिफ हैं। इंग्लैंड के लिए अच्छी बात यह है कि यह सभी बल्लेबाज फॉर्म में हैं।
जेसन हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में सर्वोच्च स्कोरर रहे थे। उन्होंने महज तीन पारियों में 277 रन बनाए थे। इसी सीरीज में जॉनी बयेरस्टो का बल्ला भी चला था। बेयरस्टो ने चार मैचों की तीन पारियों में 211 रन बनाए थे। रूट ने पांच मैचों की चार पारियों में 203 और मोर्गन तथा बटलर ने तीन-तीन पारियों में क्रमश: 164 और 144 रन बनाए थे।
बेयरस्टो ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेलते हुए भी बेहतरीन बल्लेबाजी की थी।
इंग्लैंड की इस टीम की खासियत यह है कि इसका हर बल्लेबाज 20-25 गेंदों में आसानी से 50 रन बनाने का दम रखता है और आज की क्रिकेट में यह एक बड़ी चीज है।
एक और खासियत जो इस टीम को बाकी टीमों से अलग करती है कि टीम किसी एक बल्लेबाज के दम पर नहीं है। ऐसा बहुत ही कम देखने को मिला है कि इस टीम के सभी बल्लेबाज विफल रहे हों। कोई न कोई बल्लेबाज आगे आकर रन करता है। और, इसके साथ ही टीम की बल्लेबाजी में गहराई का पता चलता है। टीम में बाद के क्रम में आने वाले खिलाड़ी भी रन बनाने की क्षमता रखते हैं।
हरफनमौला खिलाड़ियों की बात की जाए तो यहां भी इंग्लैंड के पास ऐसे खिलाड़ी हैं जो बल्ले और गेंद दोनों से मैच का पासा पलट सकते हैं। बेन स्टोक्स और मोइन अली टीम की अहम कड़ी हैं। यह दोनों भी बाकी बल्लेबाजों की तरह तेजी से रन भी बना सकते हैं और विकेट पर खड़े भी हो सकते हैं। स्टोक्स गेंदबाजी में भी टीम का अहम हिस्सा हैं, वहीं मोइन अली विश्व कप में के दूसरे हाफ में जहां स्पिनरों की मददगार पिचें होंगी, तब कारगर साबित हो सकते हैं।
इंग्लैंड ने मंगलवार को अपनी विश्व कप टीम में बदलाव किया है और एक ऐसे गेंदबाज को टीम में जगह दी है जिसे पहले शामिल न करने पर ईसीबी को काफी आलोचनाएं सहनी पड़ी थीं। जोफ्रा आर्चर को बाएं हाथ के डेविड विले के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है।
पहले आर्चर को टीम में जगह नहीं मिली थी लेकिन आईपीएल में किए गए प्रदर्शन से इस गेंदबाज ने सभी की तारीफें लूटीं और फिर कई दिग्गज उनके पक्ष में आकर खड़े हो गए। पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में भी आर्चर ने प्रभावित किया और नतीजा यह रहा कि वह अंतत: विश्व कप टीम में आ गए।
आर्चर युवा हैं लेकिन बेहतरीन तेजी तथा लाइन लेंथ के दम पर किसी भी अनुभवी बल्लेबाज को परेशान करने का दम रखते हैं। वह अनुभवी लियाम प्लंकट, क्रिस वोक्स, मार्क वुड, टॉम कुरैन के साथ तेज गेंदबाजी आक्रमण की धुरी होंगे।
स्पिन में अली का साथ देने के लिए इंग्लैंड के पास लेग स्पिनर आदिल राशिद और बांए हाथ के स्पिनर लियाम डॉसन हैं।
इंग्लैंड के नाम टी-20 विश्व कप जीत है लेकिन उसने अभी तक वनडे विश्व कप नहीं जीता है। अब देखना होगा कि क्या इंग्लैंड मोर्गन की कप्तानी में अपनी मजबूत बल्लेबाजी के दम पर घर में पहली बार वनडे प्रारुप में विश्व विजेता का तमगा हासिल कर पाती है या नहीं?
टीम : इयोन मोर्गन (कप्तान), मोइन अली, जोफ्रा आर्चर, जॉनी बेयरस्टो (विकेटकीपर), जोस बटलर, टॉम कुरैन, लियाम डॉसन, लियाम प्लंकट, आदिल राशिद, जोए रूट, जेसन रॉय, बेन स्टोक्स, जेम्स विंसे, क्रिस वोक्स, मार्क वुड।