वर्ल्ड कप इतिहास का सबसे फीका फाइनल

Updated: Mon, Feb 09 2015 00:46 IST

20 जून 1999 को इंग्लैंड के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर सातवें वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान की टीम आमनें सामनें थी। दोनों टीमों को पहले एक बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का सौभाग्य प्राप्त हो चुका था और दोनों ही टीमें दूसरी बार इतिहास रचने के इरादे से मैदान पर उतरी थी। हर किसी को उम्मीद थी की मैच बहुत रोमांचक रहेगा लेकिन यह मैच वर्ल्ड कप के इतिहास का सबसे फीका फाइनल मुकाबला साबित हुआ और ऑस्ट्रेलिया बड़े आराम से दूसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बना।

मैच से पहले ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीव वॉ ने लॉर्ड्स के पिच पर 260 रनो से ज्यादा बननें की संभावना व्यक्त की थी तो शायद यही सोचकर पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया । सईद अनवर जैसे महारथी ओपनर के सहारे पाकिस्तान की टीम के लिए बड़े स्कोर की परिकल्पना करना कोई नई बात नहीं थी। अनवर बिना किसी दबाव के खेले और टीम के स्कोर को 4 ओवर में 21 रन तक लेकर चले गए लेकिन दूसरे छोर पर खड़े वजाहतुल्लाह वस्ती फाइनल के दबाव को नहीं झेल पाए और 14 गेंद पर 1 रन बनाकर मैकग्रा का शिकार बने। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव वॉ ने फ्लेमिंग पर भरोसा करते हुए छठे ओवर में उनको गेंदबाजी करने के लिए बुलाया , कप्तान के भरोसे पर 100 फीसदी खड़े उतरते हुए फ्लेमिंग ने पहली ही गेंद पर सईद अनवर को क्लीन बोल्ड कर पाकिस्तान की खेमें में खलबली मचा दी । बैक टू बैक 2 विकेट गिर जाने से पाकिस्तान की टीम दबाव में आ गई। बस यहीं वो मौका था जिसकी ऑस्ट्रेलियाई टीम को तलाश थी। 21 रन पर 2 विकेट गिरने के के बाद पाकिस्तानी बल्लेबाजी बिखर गई और पाकिस्तान की पूरी टीम 39 ओवर में 132 रन पर ही सिमट गई। यह वर्ल्ड कप के फाइनल में किसी टीम द्वारा बनाया गया सबसे कम स्कोर था। पाकिस्तान के इन 132 रन में भी 25 अतिरिक्त रन शामिल थे जो उसे वाइड और नो बॉल से मिले थे। पाकिस्तान के सभी स्टार खिलाड़ी धरे के धरे रह गए थे, सईद अनवर 15 रन, अब्दुल रज्जाक 17 रन ,इजाज अहमद 22 रन,इंजमाम उल हक 15 रन और शाहिद अफरीदी 13 रन के अलावा पाकिस्तान को कोई भी बल्लेबाज दहाई का आकड़ा भी नहीं छु पाया था। हालांकि इजाज अहमद और अब्दुल रज्जाक ने तीसरे विकेट के लिए 47 रन की साझेदारी कर थोड़ी उम्मीद तो जताई थी।

अब पाकिस्तान के गेंदबाजों पर ऑस्ट्रेलिया को छोटे से लक्ष्य को हासिल करने से रोकने की जिम्मेदारी थी, लेकिन वो दिन ऑस्ट्रेलिया का था । ऑस्ट्रेलियाई ओपनर एडम गिलक्रिस्ट और मार्क वॉ ने पाकिस्तान के गेंदबाजों पर शुरूआत से ही अटैक करना जारी कर दिया जिससे पाकिस्तानी गेंदबाजों का मनोबल गिरने लगा था। गिलक्रिस्ट ने तो वसीम अकरम से लेकर शोएब अख्तर की गेंदबाजी पर जिस तरह से धावा बोला था वह दोनों गेंदबाजों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। 10 ओवर में ही दोनों ओपनरों ने 75 रन जोड़ लिए थे। गिलक्रिस्ट 36 गेंद पर 54 रन बनाकर आउट हुए लेकिन तब तक जीत ऑस्ट्रेलिया के दरवाजे से कुछ ही कदम दूर था। इसके बाद सिर्फ पॉन्टिंग का विकेट ऑस्ट्रेलियाई टीम ने खोया । 133 रन के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए ऑस्ट्रेलिया की टीम ने केवल 20.1 ओवर ही खेले। ऑस्ट्रेलिया ने 1999 का वर्ल्ड कप पाकिस्तान को 8 विकेट से हरा कर वर्ल्ड कप दूसरी बार अपने नाम कर लिया था । 

“मैच के बाद पाकिस्तान के कप्तान वसीम अकरम ने कहा था कि यदि हम 180 रन बना पाते तो शायद मैच बचा सकते थे पर जिस तरह से गिलिक्रिस्ट ने अपनी पारी का आगाज किया था उसके सामने 300 रनों का लक्ष्य भी बौना साबित हो जाता।

मैन ऑफ द मैच शेन वार्न को दिया गया जिन्होंने 4 बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई थी। लेकिन जो भी हो वर्ल्ड कप 1999 का फाइनल लॉर्ड्स पर मौजूद 27,835 दर्शकों के लिए बेरंग मैच साबित हुआ था। 

 

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