भारत-इंग्लैंड का रोमांचकारी टाई मुकाबला

Updated: Thu, Feb 05 2015 01:00 IST

27 फरवरी 2011 को बेंगलुरू के एन चिन्नास्वामी स्टेडियम में वर्ल्ड कप के अपने दूसरे मैच में भारत का मुकाबला इंग्लैंड के साथ था। बांग्लादेश के खिलाफ पहले मैच में मिली शानदार जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल काफी बड़ा हुआ था। भारतीय टीम ने इस मुकाबले में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया लेकिन इंग्लैंड ने इस बेहद ही रोमांचकारी मुकाबले में मेजबान भारत को जीत के दरवाजे पर दस्तक देने से पहले ही रोक दिया। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के शानदार शतक के बदौलत भारत ने इंग्लैंड के सामने 338 रन बनाकर मैच में इंग्लैंड के ऊपर दबाव बना दिया। लेकिन इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने जबरदस्त पारी खेलकर मैच को बिना किसी नतीजे के टाई पर खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करी और भारत को जीत से मिलने वाले अंकों का आपस में बटवारा कर ना पड़ा जिसका नुकसान भारत को अंत में हुआ। 

महेंद्र सिंह धोनी ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का निर्णय किया। हमेशा की तरह सहवाग ने अपने ही अंदाज में भारतीय पारी की शुरूआत धमाकेदार तरीके से करी औऱ तेंदुलकर के साथ 8 ओवरों में 48 रन जोड़ दिए। वीरेंद्र सहवाग (35) को ब्रेसनन ने आउट कर इंग्लैंड को राहत जरूर दी पर एक ओर से तेंदुलकर अपने बेहतरीन स्टाइल में बल्लेबाजी करते ही जा रहे थे। बेंगलुरू के बल्लेबाजी पिच के मिजाज का भारतीय बल्लेबाजों ने खुब फायदा उठाया औऱ गंभीर (51),युवराज (58) और धोनी (31) ने छोटी मगर शानदार पारी खेलकर तेंदुलकर के साथ टीम का स्कोर 300 के पार पहुंचाने में खासा योगदान दिया।

103 गेंद पर सचिन तेंदुलकर ने अपना 47वां वनडे शतक लगाकर इंग्लैंड के गेंदबाजों के छक्के छुड़ा दिए। सचिन तेंदुलकर 115 गेंद पर 120 रन बनाकर जेम्स एंडरसन का शिकार बने। इंग्लैंड की तरफ से टीम ब्रेसनन ने अंतिम क्षणों में भारत के पुछल्ले बल्लेबाजों को सस्ते में निपटा कर भारत के स्कोर को 350 से पहले ही रोक दिया। ब्रेसनन ने भारत के 5 खिलाड़ियों को आउट किया।

भारत के 339 रन के लक्ष्य को हासिल करने उतरी इंग्लैंड के ओपनर बल्लेबाज कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने केविन पीटरसन के साथ 10 ओवर के अंदर ही 69 रन की पार्टनरशिप कर डाली। इस पिच भारत के गेंदबाज भी उतने ही बेअसर हो रहे थे जितने इंग्लैंड के गेंदबाज हुए थे । एंड्रयू स्ट्रॉस ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपना शतक भी पूरा कर लिया। इंग्लैंड की टीम 42 ओवर में ही 280 रन के स्कोर पर पहुंच गई। इयन बेल और कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने इंग्लैंड पारी को भारत के लक्ष्य के बिल्कुल समीप लाकर धोनी एंड कम्पनी के ऊपर हार का खतरा ला दिया था। भारत के कप्तान धोनी ने 43वें ओवर में गेंदबाजी अटैक पर जहीर खान को बुलाया। जहीर खान ने अपने बेहतरीन रिवर्स स्विंग के जरीए पहले तो इयन वेल को आउट किया फिर अगले ही गेंद पर बेहतरीन औऱ शानदार बल्लेबाजी कर रहे कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस और साथ ही अगले बल्लेबाज पॉल कॉलिंगवुड को क्लीन बोल्ड कर जहीर खान ने वहां मौजूद शांत बैठे दर्शोकों में जोश भर दिया । दर्शकों के अंदर एक बार फिर मैच को लेकर रोमांच की परते धीरे- धीरे चढ़ने लगी थी। 

एक तरफ जहां इंग्लैंड की टीम मैच को जीतने के मुहाने पर खड़ी थी तो वहीं जहीर खान ने 4 रन के अंदर 3 विकेट निकालकर एक पल में मैच का पूरा समीकरण बदल इंग्लैंड के खेमें में मुश्किल पैदा कर दी थी।  

42 से 45 ओवर के बीच इंग्लैंड के बल्लेबाज केवल 9 रन ही बना पाए वो तो इंग्लैंड के पुछल्ले बल्लेबाजों ब्रिसनन , अजमल शहजाद और स्वान का कारनामा था कि अंतिम के बचे 20 गेंद पर 35 रन जोड़कर इंग्लैंड को हार से बचाया। 50 ओवर में इंग्लैंड की टीम 8 विकेट पर 338 रन ही बना पाई औऱ मैच बिना किसी नतीजे के समाप्त हुआ।

डे नाइट हुए इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने 158 रन 145 गेंद पर जड़कर इंग्लैंड के लिए बेहद ही शानदार मैच की पटकथा तैयार करी थी। स्ट्रॉस ने उस रोज क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के शतक का रंग फीका कर दिया था। वर्ल्ड कप के इतिहास में चौथी बार कोई मैच टाई समाप्त हुआ।

मैन ऑफ द मैच एंड्रयू स्ट्रॉस दिया गया। वर्ल्ड कप के इतिहास में किसी भी इंग्लिश बल्लेबाज के द्वारा बनाया गया सर्वाधिक रन का स्कोर स्ट्रॉस ने अपने नाम कर लिया था। इस टाई मैच के कारण ही ही भारत को पॉइंट टेबल में दूसरे स्थान से संतुष्ट करना पड़ा था।   

 

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