ऐसे हुई इंजमाम के बड़े खिलाड़ी बनने की शुरूआत

Updated: Sun, Feb 08 2015 11:36 IST

1992 वर्ल्ड कप में बेहतरीन प्रदर्शन कर पाकिस्तान वर्ल्ड चैंपियन बना था । इस वर्ल्ड कप पाकिस्तान को  कई नए स्टार खिलाड़ी मिले जिसमें से एक थे युवा बल्लेबाज इंजमाम उल हक। अपना पहला वर्ल्ड कप खेल रहे इस खिलाड़ी ने वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले ही वन डे क्रिकेट खेलना शुरू किया था और अपने प्रभावशाली खेल की बदौलत वर्ल्ड कप टीम में जगह हासिल की थी। इंजामम ने इस वर्ल्ड में शानदार खेल दिखाकर सभी क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत था। 

1992 वर्ल्ड कप में इंजमाम ने जो खेल दिखाया उसने सभी का दिल जीता। इंजमाम ने मुश्किल समय में अपनी टीम के लिए शानदार पारियां खेली। 1992 वर्ल्ड कप में इंजमाम ने कुल मिलाकर 225 बनाएं थे लेकिन उन्होंने सेमीफाइनल और फाइनल में अपने बल्ले से जो किया वो आज तक पाकिस्तान क्रिकेट में गर्व से याद किया जाता है । 21 मार्च 1992 को ऑकलैंड के मैदान पर पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच वर्ल्ड कप 1992 का सेमीफाइनल मैच खेला जा रहा था। पाकिस्तान और न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंचने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही थी। न्यूजीलैंड के कप्तान मार्टिन क्रो ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था। किवी कप्तान मार्टीन क्रो (91) और केन रूदरफोर्ड (50) के शानदार बल्लेबाजी के कारण न्यूजीलैंड ने 50 ओवरों में 7 विकेट गंवाकर 262 रन बना लिए थे। 

पाकिस्तान के लिए अब सामने चुनौती थी कि इस लक्ष्य को एड़ी चोटी का जोर लगाकर पार करना । एक छोर से जहां पाकिस्तान टीम के शानदार बल्लेबाजों का आउट होने का सिलसिला सूचारू रूप से चल रहा था तो वहीं एक छोर पर जावेद मियांदाद जमकर बल्लेबाजी कर रहे थे। जब पाकिस्तान के टीम का स्कोर 140 रन था तभी सलीम मलिक के रूप में चौथा विकेट गिरा थ। सलीम मलिक के 1 रन पर आउट होने से पाकिस्तान की टीम पूरी तरह लड़खड़ा गई थी। अब पाकिस्तान की पारी को संभालने की जिम्मेदारी जावेद मियांदाद के साथ युवा बल्लेबाज इंजमाम उल हक के कंधे पर आ गई थी। मैच में आगे जो कुछ भी हुआ वह न्यूजीलैंड क्रिकेट के लिए एक बुरा सपना बनकर रह गया था। इंजमाम जिस समय बल्लेबाजी करने आए थे उस समय पाकिस्तान को जीत के लिए अंतिम के 15 ओवरों में 123 रन की जरूरत थी। इंजमाम ने न्यूजीलैंड गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और 37 गेंद पर 60 रन की बेहतरीन पारी खेली। न्यूजीलैंड का कोई भी गेंदबाज इंजामम को नहीं रोक पा रहा था। इंजमाम उल हक और जावेद मियांदाद ने पांचवें विकेट के लिए 10 ओवर में शानदार 87 रन जोड़कर पाकिस्तान टीम को जीत के दरवाजे पर ला खड़ा कर दिया था। इंजमाम उल हक 60 रन बनानें के बाद दुर्भाग्यपूर्ण रन आउट हो गए थे । लेकिन तब तक इंजमाम ने अपना काम कर दिया था। उन्होंने अपनी उस असाधारण बल्लेबाजी से न्यूजीलैंड की जीत को हार में बदल दिया था। पाकिस्तान ने सेमीफाइनल मैच 6 गेंद शेष रहते 4 विकेट से जीत लिया था। मैच में शानदार प्रदर्शन के लिए इंजमाम उल हक को मैन ऑफ द मैच के खिताब से भी नवाजा गया था। 

“इस मैच के बारे में बात करते हुए वसीम अकरम ने बताया था कि सेमीफाइनल से एक रात पहले इंजमाम को बहुत तेज बुखार था। तो इंजमाम ने कप्तान इमरान खान के पास जाकर कहा था कि मुझे काफी बुखार है और मुझे नहीं लगता कि मैं खेल पाऊंगा। जिसके बाद इमरान नें कहा था कि तुम किसी और चीज के बारे में मत सोचो,बस ये सोचो की तुम कैसे कल का मैच खेलोगे।  जिसके बाद इंजमाम ने एक बेहतरीन पारी खेली जिसने उन्हें एक महान खिलाड़ी बनने का विश्वास दिया।“

इंजमाम के बल्ले का कारनामा सिर्फ सेमीफाइनल तक ही सीमित नहीं रहा था। 1992 वर्ल्ड कप के फाइनल में जहां पाकिस्तान के युवा तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने अपनी शानदार स्विंग गेंदबाजी के जरिए इंग्लैंड के बल्लेबाजों के ऊपर कहर ढाया था तो वहीं इंजमाम उल हक ने शानदार 42 रन बनाकर टीम को इंग्लैंड के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य देने में अहम किरदार निभाया था। वसीम अकरम और इंजमाम उल हक ने अंतिम के 6 ओवर में धमाकेदार 52 रन जोड़ डाले थे। वर्ल्ड कप 1992 में पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने अपने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा था कि टूर्नामेंट में शेर की तरह खेलों। इस बात को सही मायने में इंजमाम उल हक ने सार्थक कर दिखाया था। 

1992 वर्ल्ड कप के बाद इंजमाम ने फिर कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा था। अपने पूरे करियर में इस शानदार दायें हाथ के बल्लेबाज ने 378 वनडे मैच में करीब 50 की औसत से कुल 11739 रन बनाए और वन डे में पाकिस्तान के सबसे सफल बल्लेबाज बने।  

 

विशाल भगत/CRICKETNMORE

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