आखिरकार कैसे हुई इतनी बड़ी गलती, 700 से ज्यादा रणजी खिलाड़ियों को नहीं मिला एक साल से एक भी रुपया
कोरोनावायरस महामारी के चलते पिछले एक साल से भारतीय घरेलू क्रिकेट का आयोजन पूर्ण रूप से नहीं करवाया गया है। लेकिन इससे भी हैरान कर देने वाली खबर ये सामने आ रही है कि अभी तक 700 से ज्यादा रणजी क्रिकेटर्स को पिछले एक साल से उनकी भुगतान की जाने वाली राशि नहीं मिली है।
BCCI के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने बताया है कि COVID-19 महामारी के बीच प्रथम श्रेणी के खिलाड़ियों को दिया गया मुआवजा रद्द कर दिया गया था क्योंकि राज्य इकाइयों ने अभी तक आवश्यक विवरण नहीं भेजा है। रणजी ट्रॉफी का 2020-21 संस्करण भारत में बिगड़ती स्थिति के कारण नहीं कराया गया था।
रणजी ट्रॉफी के बदले विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन किया गया था। धूमल ने स्वीकार किया है कि मुआवजा योजना में देरी हुई है और सभी के लिए एक स्वीकार्य फॉर्मूला तैयार करना इतना आसान और रैखिक नहीं है।
धूमल ने स्पोर्ट्सस्टार से बातचीत के दौरान कहा, “हमें राज्यों के साथ चर्चा करनी होगी क्योंकि उन्हें हमें बताना होगा कि कौन खेला और उसने कितने मैच खेले, कौन रिजर्व में था। किसी भी राज्य ने मुआवजे के पैकेज के लिए कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है।"