भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के डोप टेस्ट कराने पर खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर का बड़ा बयान

Updated: Tue, Nov 30 -0001 00:00 IST
No problems if cricketers dope tested by WADA says Rajyavardhan Rathore ()

नई दिल्ली, 19 नवंबर (CRICKETNMORE)| केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर ने रविवार को कहा कि अगर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) के अधीन है और वह अपने खिलाड़ियों की जांच उसके अंतर्गत कराती है, तो सरकार को कोई परेशानी नहीं है।  राठौर का यह बयान वाडा के शनिवार को दिए गए बयान के बाद आया है। 

वाडा ने अपने बयान में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उस दावे को गलत बताया था, जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (नाडा) को बोर्ड के क्रिकेट खिलाड़ियों की डोप जांच कराने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि बीसीसीआई राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के अधीन नहीं आता और उसका मौजूदा एंटी डोपिंग तंत्र वाडा के नियमों के अंतर्गत काम करता है।

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एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन के मौके पर राठौर ने कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, "हमारे लिए तीन लोग काफी अहम हैं-खिलाड़ी, कोच और प्रशंसक। जब डोपिंग होती है, तो प्रशंसकों के साथ धोखा होता है क्योंकि प्रशंसक खिलाड़ियों को अपने आदर्श की तरह मानते हैं।"

उन्होंने कहा, "डोपिंग से प्रशंसकों के विश्वास के साथ धोखा होता है, इसलिए घर खेल संघ के लिए यह जरूरी है कि वो इस बात को सुनिश्चित करे की खेल में धोखाधड़ी न हो।"

राठौर ने कहा, "क्रिकेट इससे अछूता नहीं है। मैं इस बात से खुश हूं कि क्रिकेट बाहर की एजेंसी से डोप पर नियंत्रण रख रहा है, लेकिन जब पूरा देश नाडा पर भरोसा कर रहा है तो क्रिकेट खिलाड़ियों को भी इस पर भरोसा करना चाहिए।"

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ओलिम्पक रजत पदक विजेता राठौर ने कहा, "हालांकि, हमने वाडा पर सब कुछ छोड़ दिया है क्योंकि आईसीसी उसके अधीन है।"

साल 2004 एथेंस ओलिम्पक में पदक जीतने वाले राठौर ने कहा कि अगर खिलाड़ियों की जांच वाडा करता है, तो मंत्रालय को किसी तरह की परेशानी नहीं है।

उन्होंने कहा, "जब आईसीसी वाडा के अधीन है तो उसे उसके डोपिंग नियमों का पालन करना चाहिए और यह वाडा पर निर्भर करता है कि वह इस बात को आश्वस्त करें कि क्रिकेट खिलाड़ियों का डोप टेस्ट हो। हमें इस बार से कोई शिकायत नहीं है।"

वाडा और बीसीसीआई के बीच इस समय काफी विवाद चल रहा है। वाडा को नाडा की अप्रैल की ऑडिट रिपोर्ट से पता चला था कि बीसीसीआई नाडा का पालन नहीं करता है और न ही वह क्रिकेट में डोपिंग रोधी कार्यक्रम को मानता है। बीसीसीआई ने साफ तौर पर वाडा की भारतीय क्रिकेट खिलाड़ियों के डोप टेस्ट की मांग को ठुकरा दिया था।

वाडा के नियमों के मुताबिक खिलाड़ियों को हर साल की तिमाही में आईसीसी को डोप टेस्ट के लिए अपनी जगह और समय बताना होगा और उन्हें हर दिन एक घंटे के लिए उपलब्ध रहना होगा।

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