धोनी की कप्तानी में भारत ने जीता वर्ल्ड टी-20 का खिताब, इस निर्णायक 'फैसले' से भारत बना चैंपियन !
25 जून 1983 को भारत ने लॉर्ड्स के मैदान पर इतिहास लिखते हुए वर्ल्ड कप का खिताब पहली बार जीतने मे सफल रही थी। कपिल देव की कप्तानी में भारत ने विदेशी धरती पर ऐतिहासिक कमाल किया जिसने भारतीय क्रिकेट को बदल कर रख दिया था। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यह सबसे बड़ी कामयाबी थी।
इसके बाद समय गुजरा और फिर साल 2007 में धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने वो कर दिखाया जिसने भारतीय क्रिकेट को सबसे ताकतवर टीम की उपाधी दे दी।
24 सितंबर 2007 को जोहान्सबर्ग में भारत ने वर्ल्ड टी-20 का खिताब जीतकर दूसरी सबसे बड़ी कामयाबी भारतीय क्रिकेट में हासिल की। 2007 वर्ल्ड टी-20 का खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम टी-20 फॉर्मेट में भी सबसे खतरनाक टीम बनकर उभरी। वर्ल्ड टी-20 की सफलता ने भारत में आईपीएल का आगाज कराया। 2008 में पहली बार भारत में क्रिकेट लीग की शुरूआत हुई जो आज सबसे बड़ी क्रिकेट लीग के रूप में प्रख्यात हो चुकी है।
ऐसे जीता भारत 2007 वर्ल्ड टी-20 का खिताब
जोहान्सबर्ग में खेले गए ऐतिहासिक फाइनल में भारत के कप्तान धोनी ने प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के खिलाफ टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। इस मैच में भारत के विस्फोटक बल्लेबाज चोटिल होने की वजह से नहीं खेल पाए।
ऐसे में एक नई रणनीति के तहत युसूफ पठान को गंभीर के साथ ओपनिंग करने की जिम्मेदारी मिली। युसूफ पठान ने बिना दबाव के तूफानी शुरूआत भारत को जरूर दी लेकिन पहली ही ओवर में आउट हो गए। युसुफ पठान के जल्द आउट होने के बाद फाइनल के दबाव में न रोबिन उथप्पा (8) चले और न ही युवराज सिंह (14) का बल्ला गरजा। कप्तान एमएस धोनी (6) रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
लेकिन गौतम गंभीर ने एक छोर को संभाले रखा और रोहित शर्मा के साथ पारी को आगे बढ़ाने का काम किया। इस मैच में गौतम गंभीर ने 54 गेंद पर 75 रनों की पारी खेली और अपनी पारी में गंभीर ने 8 चौके और 2 छक्के जमाए। गंभीर के अलावा इस मैच में उस समय युवा रोहित शर्मा ने भी शानदार योगदान दिया।
रोहित शर्मा ने केवल 16 गेंद पर 30 रनों की पारी खेली और भारतीय टीम के स्कोर को 20 ओवर में 5 विकेट पर 157 रनों पर ले जाने में सफल रहे। रोहित शर्मा ने अपनी पारी में 2 चौके और 1 छक्का जमाए। रोहित शर्मा की आखिरी समय में खेली गई तेज पारी ने भारत के स्कोर को 157 तक ले जाने में अहम भूमिका निभाई।
पाकिस्तान ने शुरू की रोमांचकारी रन चेस
पाकिस्तान की टीम को इतिहास लिखने के लिए 20 ओवर में 158 रनों की दरकार थी। भारत के तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने पाकिस्तान के शुरूआती विकेट जल्दी से निकाल पर पाकिस्तान पर दबाव बनाया। मोहम्मद हफीज (1) और कामरान अकमल ने बिना खाता खोले पवेलियन की राह पकड़ ली।
हालांकि इमरान नजीर ने तेजी से रन बनानें की जिम्मेदारी ली और श्रीसंत के खिलाफ तेजी से रन बनानें की शुरूआत की। इमरान नजीर ने 14 गेंद पर 33 रन बनाए। लेकिन पाकिस्तान की पारी के छठे ओवर में रॉबिन उथप्पा ने डारेक्ट थ्रो से रन आउट कर इमरान नजीर की पारी का अंत किया।
इमरान नजीर के आउट होने के बाद एक बार फिर पाकिस्तान की टीम मुश्किल में थी। देखते - देखते पाकिस्तान के 6 विकेट 77 रनों पर गिर गए थे। अब भारतीय टीम जीत के करीब पहुंचने लगी। लेकिन दूसरी तरफ मिस्बाह उल हक विकेट को बचाकर पारी को आगे बढ़ा रहे थे।
पाकिस्तान को आखिरी 4 ओवर में 54 रनों की दरकार थी। मिस्बाह उल हक ने इसके बाद गेंदबाज को निशाने पर लेना शुरू कर दिया। हरभजन सिंह के एक ओवर में मिस्बाह ने 3 छक्के जमाकर अपने मंसूबे साफ कर दिए। हालांकि एक तरफ मिस्बाह पाकिस्तानी पारी को लक्ष्य के करीब ले जा रहे थे लेकिन दूसरे छोर से पाकिस्तानी बल्लेबाज उनका साथ नहीं दे पा रहे थे।
लेकिन किसी तरह मिस्बाह उल हक मैच को आखिरी ओवर तक ले गए। आखिरी ओवर तक पाकिस्तान के 9 विकेट गिर गए। यानि अब पाकिस्तान को 6 गेंद पर 13 रनों की दरकार थी।
धोनी ने अचरज में डाला औऱ दिलाई जीत
भारतीय टीम के कप्तान धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को देकर हर किसी को हैरत में डाल दिया था। किसी को जोगिंदर शर्मा से उम्मीद नहीं थी। पहली गेंद जोगिंदर शर्मा ने वाइड फेंकी, उनके चेहरे पर दबाव की रेखाएं नजर आने लगी।
अगली गेंद जोगिंदर शर्मा ने ऑफ स्टंप से बाहर रखी जिसे मिस्बाह अच्छी तरह से खेल पाने में नाकाम रहे और इस गेंद पर कोई रन नहीं बना।
अब 5 गेंद पर 12 रनों की दरकार थी।
दूसरी गेंद पर मिस्बाह ने जबरदस्त शॉट खेला। जोगिंदर शर्मा ने दबाव में फुलटॉस गेंद कर डाली जिसे मिस्बाह ने सीमा रेखा के बाहर 6 रन के लिए भेज दिया।
अब मैच लगभग पाकिस्तान की झोली में था, क्रिकेट फैन्स एक टक होकर मैच पर नजर बनाए हुए थे।
तीसरी गेंद पर मिस्बाह से शॉट खेलने में हुई गलती। जोगिंदर शर्मा की इस गेंद को मिस्बाह ने स्कूप शॉट के जरिए फाइन लेग के ऊपर से चौका या छक्का बटोरने की कोशिश की, लेकिन धोनी ने शॉर्ट फाइन लेग पर श्रीसंत को फील्डिंग के लिए लगा रखा था।
ऐस में जब मिस्बाह ने हवा में स्कूप शॉट खेला तो हर किसी की नजर श्रीसंत पर गई। लेकिन श्रीसंत ने इस दबाव वाले कैच को गिरने नहीं दिया और कैच लेकर खुद के नाम को इतिहास के पन्नों में दर्ज करा लिया। इस तरह से भारत ने 5 रन से पाकिस्तान को हराया और पहली दफा वर्ल्ड टी-20 का खिताब जीतने में सफलता पाई।
इस जीत के साथ ही धोनी की कप्तानी को लेकर चर्चाएं शुरू होने लगी। हर किसी ने कहा कि भारत को मिल गया उसका सबसे बड़ा कप्तान।