IND vs ENG: आक्रमक अंदाज में टी-20 सीरीज खेलने को रोहित शर्मा तैयार, खिलाड़ी ने साझा किए टेस्ट मैच के अनुभव
भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा है कि वह टेस्ट क्रिकेट में अपने स्वभाविक खेल के विपरीत खेले थे, लेकिन अब टी20 क्रिकेट में उनका वही आक्रामक अंदाज जारी रहेगा, ताकि वह टीम को अच्छी शुरुआत दे सके, खासकर पहले छह ओवर में।
रोहित करीब एक साल बाद अपना पहला टी20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेलेंगे। चोट के कारण वह आस्ट्रेलिया दौरे पर टी20 टीम का हिस्सा नहीं थे। भारत को अब शुक्रवार से यहां नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पांच मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है।
रोहित ने कहा, "जब आपको अपने स्वभाव के विपरीत जाना पड़ता है और ऐसे काम करने पड़ते हैं, जिसकी आपको आदत नहीं है, तो यह एक छोटी जीत है। अगर आप बार-बार ऐसा करते रहेंगे तो आपको आत्मविश्वास मिलेगा।"
"जिस तरह से मैंने बल्लेबाजी की, खासकर आखिरी टेस्ट मैच में, जब मैंने केवल 49 रन बनाए थे, लेकिन 150 गेंदों का सामना किया, तो मुझे बहुत अच्छा लगा। मुझे अपने स्वभाव के खिलाफ खेलना था।"
उन्होंने कहा कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हैं कि वह लोकेश राहुल और शिखर धवन में से किनके साथ पारी की शुरुआत करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी भूमिका में कोई बदलाव नहीं होगी।
सलामी बल्लेबाज ने कहा, "मेरी भूमिका नहीं बदलती। मुझे इसी तरह से बल्लेबाजी करनी है और सुनिश्चित करना है कि मैं टीम को अच्छी शुरुआत दूं और जितना संभव हो सके, बल्लेबाजी करूं। मेरे लिए कुछ नहीं बदलता। मुझे बस यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि यदि आप पहले बल्लेबाजी कर रहे हैं, तो कोशिश करें कि पहले छह ओवरों में टीम को एक अच्छी शुरुआत दें और एक लक्ष्य निर्धारित करें।"
उन्होंने कहा, "बेशक जब हम लक्ष्य का पीछा करते हैं, तो दृष्टिकोण समान रहता है, लेकिन मानसिकता बदल जाती है, क्योंकि आपके सामने एक टोटल होता है, आपको गणना करना होगा और उसे अपने खेल में लाना होगा। मेरे लिए बहुत कुछ नहीं बदला है और मुझे सिर्फ परिस्थितियों का आकलन करना है।"
33 वर्षीय बल्लेबाज ने कहा कि टीम की रचना चाहे जो भी हो, उनका दृष्टिकोण समान रहेगा और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
रोहित ने कहा, "मेरा दृष्टिकोण समान है। मेरे लिए महत्वपूर्ण है कि उस परिस्थिति को समझें और उसके अनुसार खेलें कि क्या हम पहले बल्लेबाजी करते हैं या पहले गेंदबाजी करते हैं। खेल की स्थिति आपकी बल्लेबाजी के दृष्टिकोण की मांग करती है।"