निचले क्रम में बैटिंग करने को कहा, इसलिए सचिन से विवाद हुआः ग्रेग चैपल

Updated: Tue, Nov 30 -0001 00:00 IST

नई दिल्ली, 13 फरवरी (CRICKETNMORE)। भारत के पूर्व कोच ग्रेग चैपल ने कहा है कि सचिन तेंदुलकर के साथ उनके रिश्तों में खटास तब आई जब उन्होंने इस महान भारतीय बल्लेबाज को 2007 वर्ल्डकप में निचले क्रम में बल्लेबाजी करने को कहा था।

तेंदुलकर ने अपनी आत्मकथा 'प्लेइंग इट माई वे' में ऑस्ट्रेलिया के इस पूर्व कप्तान पर हमला बोलते हुए उन्हें 'रिंगमास्टर' करार दिया था, जिसके कुछ महीनों बाद 66 वर्षीय चैपल ने प्रतिक्रिया दी है। 'फाक्स स्पोर्ट्स' पर पूरे ऑस्ट्रेलिया में दिखाए गए 'क्रिकेट लीजेंड्स' की एक कड़ी में चैपल ने कहा है कि तेंदुलकर के साथ उनके मतभेद का कारण इस बल्लेबाज को वेस्टइंडीज में हुए टूर्नामेंट के दौरान निचले क्रम में बल्लेबाजी करने का सुझाव देना था।

चैपल ने कार्यक्रम में कहा, 'मैंने उम्मीद की थी, मैंने सोचा था कि वह वही चीज करना चाहेगा, जो टीम के लिए सही होगा। लेकिन वह उसी जगह बल्लेबाजी करना चाहता था, जहां उसे पसंद था और इसी ने हमारे बीच खाई पैदा की।' भारत के लिए 2007 वर्ल्डकप त्रासदी की तरह रहा था और टीम पहले दौर से भी आगे बढ़ने में नाकाम रही थी।

चैपल ने कहा कि तेंदुलकर शुरुआत में उनके प्रस्ताव पर राजी हो गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने मन बदल लिया।

चैपल ने कहा, पारी की शुरुआती करना उसकी पसंद थी, लेकिन वेस्टइंडीज में हमें जरूरत थी कि वह निचले क्रम में बल्लेबाजी करे। यहीं हमारी बल्लेबाजी में समस्या थी, हमारे पास अन्य खिलाड़ी थे, जो शीर्षक्रम में बल्लेबाजी कर सकते थे। उन्होंने कहा, वह शुरुआत में राजी हो गया था, लेकिन बाद में पीछे हट गया था और कहा कि वह ऐसा नहीं करना चाहता था। मैंने उसे ऐसा करने के लिए बाध्य किया और इसके बाद से वह मेरे साथ दोबारा काम नहीं करना चाहता था।

तेंदुलकर ने अपनी किताब में खुलासा किया था कि चैपल 2007 वर्ल्डकप से ठीक पहले राहुल द्रविड़ की जगह उन्हें कप्तान बनाना चाहते थे। तेंदुलकर ने अपनी किताब में लिखा, वर्ल्डकप से कुछ महीने पहले चैपल मेरे घर में मुझसे मिलने आए और मुझे हैरानी हुई, जब उन्होंने सुझाव दिया कि मुझे राहुल द्रविड़ से कप्तानी की बागडोर ले लेनी चाहिए। चैपल ने पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली का नाम लिए बगैर उन पर भी निशाना साधा।

उन्होंनें कहा, भारतीय क्रिकेट के लिए हमेशा से यह चुनौती रही कि (खिलाड़ियों के लिए) दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने की जगह टीम में बने रहना अधिक महत्वपूर्ण था। पूर्व भारतीय कोच चैपल ने कहा, कुछ समय तक टीम में रहने के बाद वह टीम में अपनी जगह बचाए रखकर काफी खुश थे। मैं उन्हें लगातार बेहतर होने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास कर रहा था।

हमने ऐसे बदलाव किए जो काफी सफल रहे, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान कुछ समस्याएं पैदा हुई, विशेषकर कुछ खिलाड़ियों के साथ मेरे रिश्तों को लेकर। उन्होंने कहा, इस प्रक्रिया के दौरान हमने एक कप्तान (गांगुली) को बाहर कर दिया और इसके साथ ही इस क्रम की शुरुआत हुई। वह उन चीजों को नहीं कर पा रहा था जो उसके टीम में रहने के लिए जरूरी थी।

(ऐजंसी)

सबसे ज्यादा पढ़ी गई खबरें