जम्मू-कश्मीर ने नेशनल टी20 दिव्यांग क्रिकेट चैम्पियनशिप जीती
National Physical Disability T20 Cricket: जम्मू-कश्मीर की राज्य दिव्यांग क्रिकेट टीम ने फाइनल में मुंबई को 35 रनों से हराकर नेशनल टी20 दिव्यांग क्रिकेट चैम्पियनशिप का तीसरा संस्करण जीता।
जम्मू-कश्मीर के माजिद ने फाइनल में हरफनमौला प्रदर्शन करते हुए 21 गेंदों में 37 रन बनाए और 25 रन देकर दो विकेट लिए और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार जीता।
कप्तान वसीम इकबाल को 177.52 की स्ट्राइक रेट से 229 रन बनाने और आठ मैचों में केवल 6.13 की इकोनॉमी से 17 विकेट लेने के लिए प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
रविवार को हुए फाइनल में रवींद्र सांते की अगुवाई वाली मुंबई ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया।
बल्लेबाजी करने उतरी जम्मू-कश्मीर ने निर्धारित 20 ओवरों में 161/6 रन बनाए, जिसमें जाफर भट (39 गेंदों पर 43 रन) और माजिद (21 गेंदों पर 37 रन) ने शानदार पारी खेली।
जवाब में मुंबई की पारी की शुरुआत बेहद खराब रही और टीम ने पावरप्ले के अंदर ही अपने दोनों ओपनर खो दिए। विक्रांत केनी (43 गेंदों पर 46) ने एक छोर संभालने की कोशिश की, लेकिन टीम लंबी साझेदारी नहीं कर पाई और 20 ओवरों में 126/10 के स्कोर के साथ 35 रनों से हार गई।
इससे पहले, शनिवार को हुए सेमीफाइनल में जम्मू-कश्मीर ने महाराष्ट्र को 91 रन से हराया था, जबकि मुंबई ने विदर्भ पर 2 रन की करीबी जीत हासिल की थी।
मुंबई के रोहन भोइर ने टूर्नामेंट की आठ पारियों में 322 रन के साथ शीर्ष रन स्कोरर के रूप में समापन किया, जबकि उनके साथी रवींद्र ने सबसे अधिक विकेट (18) लिए।
विजेता टीम को 5 लाख रुपये, फाइनलिस्ट मुंबई को 3 लाख रुपये, जबकि सेमीफाइनलिस्ट महाराष्ट्र और विदर्भ को 1-1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
आईपीएल फ्रेंचाइजी राजस्थान रॉयल्स को एक और यादगार टूर्नामेंट के लिए दिव्यांग क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई) का समर्थन करने पर गर्व है, जिसमें नारायण सेवा संस्थान का भी समर्थन मिला।
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राजस्थान रॉयल्स द्वारा संचालित तीसरी दिव्यांग टी20 क्रिकेट चैंपियनशिप 2023 के नाम से मशहूर इस प्रतियोगिता ने इतिहास रच दिया, क्योंकि इसमें 400 से अधिक प्रतिभाशाली दिव्यांग क्रिकेटरों की भागीदारी के साथ शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेटरों के सबसे बड़े क्रिकेट टूर्नामेंट के रूप में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था। जिन्होंने पूरे भारत से 24 राज्य शारीरिक रूप से विकलांग क्रिकेट टीमों का प्रतिनिधित्व किया।