पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मुक़ाबला हमारे लिए एक अन्य मैच की तरह है: रोहित शर्मा
रोहित ने कहा, "पिछले सात महीनों में ज़्यादा कुछ नहीं बदला है। हमने उन्हें एशिया कप और वनडे विश्व कप के दौरान खेला था और अब टी20 विश्व कप की बारी है। पहले ऐसा होता था कि हम उनके ख़िलाफ़ चार साल में एक बार खेलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। मैं इसे एक अन्य मैच की तरह ही लूंगा। मुझे पता है कि ऐसे मैच से डील करने का सबका तरीका अलग-अलग होता है। एक कप्तान के रूप में मैं सोच रहा हूं कि मैं वर्तमान में रहूं और ओवर दर ओवर निर्णय करूं ना कि आख़िरी स्कोर या आख़िरी लक्ष्य के बारे में सोचूं। मुझे ये भी पता है कि अलग-अलग कप्तान अलग-अलग तरीके से सोचते हैं। लेकिन आप यहां पर ज़्यादा कुछ नहीं सोच सकते हैं क्योंकि यह खेल हर ओवर में बदलता है। आपको हर ओवर जीतना होता है और फिर अगले ओवर की तरफ़ बढ़ना होता है।"
पाकिस्तान के वर्तमान कोच गैरी कर्स्टन 2011 वनडे विश्व कप के दौरान भारत के कोच थे। तब सेमीफ़ाइनल में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को हराया था। वह कुछ दिन पहले तक गुजरात टाइटंस के भी कोच थे और उन्होंने हार्दिक पांड्या और शुभमन गिल जैसे खिलाड़ियों के साथ काम किया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनका कोई इनपुट काम आएगा तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इसकी ज़रूरत नहीं है।
कर्स्टन ने कहा, "आपका सवाल अच्छा है लेकिन मुझे लगता है कि ये खिलाड़ी एक-दूसरे के बारे में इतना तो जानते हैं कि कौन कैसा खेलता है। अंत में हम निश्चित करना चाहते हैं कि हम सही क्रिकेट खेलें। इस मैच में पिच और परिस्थितियों की बड़ी भूमिका होगी, हमें उसके अनुसार ही खेलना होगा।"
हालांकि कर्स्टन ने स्वीकार किया है कि भारत और पाकिस्तान का मुक़ाबला थोड़ा सा तो अलग ज़रूर होता है। उन्होंने कहा, "यह मुक़ाबला थोड़ा और अलग है क्योंकि यह भारत या पाकिस्तान में नहीं खेला जा रहा है। मैं सुबह स्टेडियम के पास ड्राइव कर रहा था तो मुझे पता चल गया कि इस मैच में माहौल कुछ अलग होगा। यह देखना बहुत उत्साहजनक है कि दूसरे देशों में भी इन दोनों देशों का समर्थन करने के लिए बहुत से फ़ैंस मौजूद हैं।"
रोहित के विपरीत कर्स्टन ने कहा, "हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि यह एक बड़ा मैच है, लेकिन यह भी है कि क्रिकेट को क्रिकेट की ही तरह खेला जाना चाहिए। आपको हर एक मैच अच्छा खेलना होता है, गेंद को सही जगह पर मारना होता है, पर्याप्त रन बनाने होते हैं, कैच पकड़ने होते हैं और अच्छी फ़ील्डिंग करनी होती है। मुझे नहीं लगता कि क्रिकेट इससे इतर कुछ बदला है, हां फ़ॉर्मैट के हिसाब से थोड़ी-बहुत तब्दीलियां तो आती हैं। अगर हम अपनी क्षमता के अनुसार अच्छा क्रिकेट खेलते हैं, तो हमारे जीतने के मौक़े अधिक होंगे।"