टी20 बल्लेबाजी में सबसे मुश्किल काम बड़ी आसानी से कर रहे हैं रिंकू सिंह
फिनिशिंग ऐसी भूमिका है जहां एक बल्लेबाज को परिस्थितियों के हिसाब से खेलते हुए ना केवल अंत तक टिकना होता है, बल्कि रन गति को भी बढ़ाना होता है। तेज रन बनाने के फेर में कई बल्लेबाज अपना विकेट गंवा देते हैं। यही फिनिशर की चुनौती है, जिसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत है। रिंकू सिंह फिलहाल जिस तरह से इस कला में महारत हासिल करते दिखाई दे रहे हैं, वह भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ा शुभ संकेत है।
26 साल के रिंकू ने फिनिशिंग की भूमिका को इतनी बड़ी सफलता के साथ अंजाम दिया है कि उनका टी20 अंतरराष्ट्रीय औसत 17 मैचों के बाद 80.80 है। इतना बड़ा औसत बताता है कि वे कितनी बार नाबाद रहे हैं। रिंकू सिंह इन मैचों में 8 बार नाबाद लौटे हैं और इसके साथ उन्होंने रन गति को भी ऊपर किया है। उनका स्ट्राइक रेट 178.76 का है जो इतने औसत के साथ अद्भुत है।
फिनिशिंग ऐसी भूमिका है जहां एक बल्लेबाज को परिस्थितियों के हिसाब से खेलते हुए ना केवल अंत तक टिकना होता है, बल्कि रन गति को भी बढ़ाना होता है। तेज रन बनाने के फेर में कई बल्लेबाज अपना विकेट गंवा देते हैं। यही फिनिशर की चुनौती है, जिसके लिए विशेषज्ञता की जरूरत है। रिंकू सिंह फिलहाल जिस तरह से इस कला में महारत हासिल करते दिखाई दे रहे हैं, वह भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ा शुभ संकेत है।
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भारतीय टीम ने जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज का दूसरा मैच जीतकर श्रृंखला को 1-1 से बराबर कर दिया है। तीसरे मैच से पहले टीम के साथ यशस्वी जायसवाल, शिवम दुबे और संजू सैमसन जैसे खिलाड़ी भी जुड़ चुके हैं। सीरीज का तीसरा मुकाबला 10 जुलाई को हरारे स्पोर्ट्स क्लब में खेला जाएगा।