कंबोज की मेहनत पर शाश्वत के शतक ने फेरा पानी
टॉस हार कर पहले बल्लेबाज़ी करते हुए इंडिया ए की शुरुआत काफ़ी ख़राब रही। सिर्फ़ 36 के स्कोर पर उनके पांच बल्लेबाज़ पवेलियन जा चुके थे। इंडिया ए को पहला झटका प्रथम सिंह के रूप में लगा, जिन्होंने अपने पिछले मैच में बेहतरीन शतक लगाया था। इसके बाद मयंक अग्रवाल भी ज़्यादा देर तक नहीं टिक सके और सिर्फ़ छह रनों के निजी स्कोर पर पवेलियन लौट गए। इन दोनों बल्लेबाज़ों को पवेलियन पहुंचाने का काम अंशुल कंबोज़ ने किया, जिन्होंने अपने पिछले ही मैच में इंडिया बी के ख़िलाफ़ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए, 69 रन देकर आठ विकेट लिए थे।
सिर्फ़ 14 के स्कोर पर दोनों ओपनरों के पवेलियन जाने के बाद इंडिया ए की टीम मुश्किल में थी और इंडिया सी के गेंदबाज़ लगातार दबाव बनाने के प्रयास में सफल हो रहे थे। इसी क्रम में युवा बल्लेबाज़ रियान पराग भी 17 के स्कोर विजयकुमार वैशाख की गेंद पर साई सुदर्शन को कैच दे बैठे। इंडिया ए के लिए मुश्किलों का दौर यहीं नहीं रूका और संयम के साथ इंडिया ए को मुश्किल से बाहर निकालने के प्रयास में तिलक वर्मा रन आउट हो गए।
अपने पिछले मैच की पहली पारी में इंडिया ए कुछ ऐसी ही स्थिति में था लेकिन वहां कुमार कुशाग्र और शाश्वत ने एक अच्छी साझेदारी बनाने का प्रयास किया था लेकिन इस मैच में वैसा नहीं हो पाया और कुशाग्र सिर्फ़ आठ गेंदें खेल कर कीपर को कैच थमा बैठे।
हालांकि इसके बाद शाश्वत और पिछले मैच में बेहतरीन अर्धशतक लगाते हुए, इंडिया ए की नैय्या को पार लगाने वाले शम्स मुलानी के बीच अच्छी साझेदारी हुई। यह साझेदारी 87 रनों तक चली। शम्स के पास फिर से अर्धशतक लगाने का मौक़ा था लेकिन वह तीन रन से चूक गए।
शाश्वत ने इसके बाद आवेश ख़ान के साथ 70 रनों की एक अच्छी साझेदारी और कोशिश किया कि ज़्यादा से ज़्यादा स्ट्राइक उनके पास रहे और इसी क्रम में उन्होंने अपना शतक भी पूरा किया।
हालांकि इसके बाद शाश्वत और पिछले मैच में बेहतरीन अर्धशतक लगाते हुए, इंडिया ए की नैय्या को पार लगाने वाले शम्स मुलानी के बीच अच्छी साझेदारी हुई। यह साझेदारी 87 रनों तक चली। शम्स के पास फिर से अर्धशतक लगाने का मौक़ा था लेकिन वह तीन रन से चूक गए।
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Article Source: IANS