सचिन ने दिया निर्देश, कहा ऐसा होगा तभी ओलिंपिक में बनेगी हमारी पकड़
नई दिल्ली, 10 अगस्त (CRICKETNMORE): मौजूदा दौर में खेलों में पारदर्शिता और दर्शकों की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर खासा जोर दिया जा रहा है और इसका प्रयोग बढ़ता भी जा रहा है। हालांकि प्रौद्योगिकी का शिकार बन चुके महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का कहना है कि इसका इस्तेमाल सही तरीके से किया जाना चाहिए। विभिन्न खेलों पर नजर डालें तो 'गोल लाइन', 'रीप्ले सिस्टम' 'डिसीजन रीव्यू सिस्टम' तथा 'हॉक-आई' आदि के रूप में प्रौद्योगिकी खेलों में विशेष स्थान लेती जा रही है और इसके विकास पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि एक तबका खेलों में मैदान से बाहर बैठे तीसरे अंपायर की बढ़ती भूमिका पर चिंता भी जताता रहा है। ब्रेकिंग: पाकिस्तान का यह दिग्गज गेंदबाज अब इंग्लैंड टीम के तरफ से खेलेगा।
सचिन से जब यहां एक समारोह में प्रौद्योगिकी के बारे में चर्चा की गई, तो उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि यह निश्चित तौर पर मददगार है लेकिन एक फुलप्रूफ प्रौद्योगिकी का सही इस्तेमाल बेहद जरूरी है।
सचिन ने कहा, "क्रिकेट में जब पहली बार डीआरएस प्रणाली का इस्तेमाल हुआ था, तो उसका पहला शिकार मैं बना था। मुझे दुर्भाग्य से गलत आउट दिया गया।"
भारतीय क्रिकेट टीम को 2008 में श्रीलंका दौरे पर डीआरएस का शिकार होना पड़ा था। इस दौरे पर सचिन इसका सबसे पहला शिकार हुए थे, जहां अंपायर ने उन्हें गलत तरीके से आउट दे दिया था।
सचिन ने कहा, "मैं जब खेल में सक्रिय था, तो कभी भी नहीं चाहता था कि बल्लेबाजी के दौरान प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो। हालांकि, गेंदबाजी के दौरान हम सबकी इच्छा होती थी कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल हो।" भारत को मिला नया जहीर खान।
इससे पहले सचिन ने रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने गए भारतीय दल के एथलीटों पर किए गए विवादास्पद बयान के बारे में कहा कि देशवासियों को एथलीटों को सम्मान देना चाहिए और उनकी हौसलाअफजाई करनी चाहिए।