104 साल पहले जब क्रिकेट में हुआ था यह अद्भूत चमत्कार

Updated: Mon, Aug 01 2016 00:27 IST

1 अगस्त, नई दिल्ली (CRICKETNMORE)। क्रिकेट के मैदान पर किसी भी गेंदबाज का सपना होता है अपने क्रिकेट करियर के दौरान कम से कम एक बार हैट्रिक लेकर अपने नाम को क्रिकेट के इतिहास में अमर कर लेने का। क्रिकेट की पृष्ठभूमी पर ऐसा कारनामा करना बेहद ही दुर्लभ होता है। कई गेंदबाज यदि टेस्ट या वनडे में एक दफा भी हेट्रिक विकेट चटका लेते हैं वो उस गेंदबाज का क्रिकेट के इतिहास में एक दफा ऐसा घटित हुआ है जब कोई गेंदबाज एक ही टेस्ट मैच में 2 बार हैट्रिक विकेट लेने में सफल रहा है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज ने ऐसा दुर्लभ कारनामा कर दिखाया था। जब धोनी ने फुटबॉल मैच में फाइनल गोल दागकर टीम को जीत दिलाई: देखें वीडियो

आज से ठीक 104 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के इस स्पिन गेंदबाज ने इस तरह का अद्भूत कारनामा साल 1912 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन दिवसीय टेस्ट में कर दिखाया था। 28 मई 1912 को इंग्लैंड के मैनचेस्टर पर खेल गए तीन दिवसीय टेस्ट मैच में जिमी ने दोनों पारियों में अपनी गेंदबाजी से हैट्रिक लेकर कमाल कर दिया था।

इस ऐतिहासिक मैच में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। वारेन बर्ड्सले ने 121 रन, चार्ल्स केलवे के 114 और गेंदबाज जिमी मैथ्यूज के नॉट आउट 149 रन के बदौलत ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में 448 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जिसके जबाव में साउथ अफ्रीका की टीम केवल 265 रन पर आउट हो गई।
ऑस्ट्रेलिया के तरफ से गेंदबाजी में बिल विहटी ने 5 विकेट चटकाए तो वहीं लेग स्पिनर जिमी मैथ्यूज ने 3 विकेट चटकाए। जिमी मैथ्यूज ने अपनी 12वें ओवर की अंतिम 3 गेंदों पर  रॉलेंड ब्यूमांट, सिड पेगलर और टॉमी वॉर्ड के विकेट चटकाकर लगातार 3 गेंद पर 3 विकेट लेकर हैट्रिक विकेट लिए थे।

साउथ अफ्रीका की टीम को फॉलोऑन मिला जिसके कारण अफ्रीकी टीम एक बार फिर से बल्लेबाजी करने उतरी। लेकिन एक बार फिर से ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने कमाल करते हुए साउथ अफ्रीका के दूसरी पारी को केवल 95 रन पर सिमेट दिया। दूसरी पारी में एक बार फिर से मैथ्यूज ने कहर बरपाया और दूसरी दफा हैट्रिक विकेट लेकर चमत्कार कर दिया। इस बार मैथ्यूज ने हर्बी टेलर, रैगी स्क्कार्ज और टॉमी वॉर्ड को लगातार गेंद पर पवेलियन की राह दिखाई। कोहली का वनडे और टी- 20 का कप्तान बनना तय

जिमी मैथ्यूज की करिश्माई गेंदबाजी के सहारे ऑस्ट्रेलिया ने यह एतिहासिक मैच एक पारी और 88 रन से जीत लिया। मैथ्यूज की हैट्रिक गेंदबाजी में दोनों बार तीसरे शिकार के रूप में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज टॉमी वॉर्ड रहे। क्रिकेट में ऐसा पहली बार हुआ था जब एक ही टेस्ट मैच में कोई गेंदबाज ने ऐसा करतब अपनी गेंदबाजी से दिखाई हो। मैथ्यूज ने ऐसा कर किंग पेयर या गोल्डन पेयर भी पूरी कर ली थी। जिमी मैथ्यूज की हैट्रिक में सबसे कमाल की बात ये थी कि जिन 6 विकेट को मैथ्यूज ने अपना शिकार बनाया था उसमें किसी फिल्डर का कोई भी योगदान नहीं था. जिमी ने या तो बोल्ड आउट किया था या फिर एलबीडब्लू आउट कर इस हैरतअंगेज कारनामें को अंजाम दिया था।

इंटरनेशनल क्रिकेट में फिर से ऐसा कारनामा अबतक कोई नहीं कर पाया है। वैसे फर्स्ट क्लास क्रिकेट में ऐसा कारनामा 6 दफा हुआ है। शायद इसलिए क्रिकेट को हमेशा से अनिश्चितताओ का खेल रहा है।

उस ऐतिहासिक टेस्ट मैच का संक्षिप्त स्कोरकार्ड-
ऑस्ट्रेलिया 448 (वारेन बर्ड्सले  121, चार्ल्स केलवे 114, जिमी मैथ्यू 49 आउट नहीं, 105 के लिए सिड पग्लेर 6/142, रेगी श्वार्ज 3/142)
साउथ अफ्रीका पहली पारी: 265/10, जिमी मैथ्यू 3/16, वारेन बार्डस्ले 5/55,  ऑब्रे फॉल्कनर 122)
साउथ अफ्रका दूसरी पारी 95/10 (चार्ल्स केलवे 5/33, जिमी मैथ्यूज 3/38

विशाल भगत (CRICKETNMORE)

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