भारत के सीनियर बल्लेबाज और पूर्व टेस्ट कप्तान अजिंक्य रहाणे बेशक टीम इंडिया से बाहर चल रहे हैं लेकिन उन्होंने अभी भी वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है। रहाणे ने इस साल के अंत में होने वाली बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी से पहले सेलेक्टर्स का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की है। उन्होंने ग्लैमरगन के खिलाफ काउंटी चैंपियनशिप डिवीजन टू मैच के अंतिम दिन लीसेस्टरशायर फॉक्स के लिए अपना पहला शतक जड़कर ये बता दिया कि वो अभी भी वापसी करने का दम रखते हैं।
रहाणे ने पीटर हैंड्सकॉम्ब के साथ मिलकर अपनी टीम की वापसी की अगुआई की। ग्लैमरगन के 550/9 के विशाल स्कोर के बाद, लीसेस्टरशायर 299 रन से पीछे था और उन पर मैच बचाने का दबाव था। ऐसे में रहाणे पर फोकस था और उन्होंने अपनी टीम के लिए मैच को ड्रॉ कराने में अपना सबकुछ झोंक दिया। रहाणे, जिन्हें दुलीप ट्रॉफी के लिए नहीं चुना गया था, ने उस समय कमाल दिखाया जब उनकी टीम को उनकी सबसे अधिक आवश्यकता थी, उन्होंने अपना 40वां प्रथम श्रेणी शतक बनाया।
एक अच्छी शुरुआत के बाद, लीसेस्टरशायर ने आठ गेंदों के अंतराल में सलामी बल्लेबाज ऋषि पटेल और कप्तान लुईस हिल को खो दिया और तब अपनी टीम की डूबती हुई नैया को संभालने की जिम्मेदारी रहाणे पर आ गई। रहाणे शुरुआत में सतर्क थे लेकिन जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, उनका आत्मविश्वास बढ़ता गया। उन्होंने अपने साथी इयान हॉलैंड को खो दिया, उसके बाद उनके साथी विदेशी मध्यक्रम बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब उनके साथ शामिल हुए।