शार्दुल ठाकुर और सुंदर की बल्लेबाजी ने ब्रिसबेन टेस्ट को बनाया रोमांचक, कंगारुओं को दूसरी पारी में 54 रनों की बढ़त
शार्दूल ठाकुर (67) और वॉशिंगटन सुंदर (62) के बीच सातवें विकेट के लिए हुई 123 रनों की शतकीय और बहुमूल्य साझेदारी के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम ने यहां के गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के साथ जारी चौथे और
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दोनों बल्लेबाजों ने संभल कर खेलते हुए तीसरे विकेट के लिए 45 रन जोड़े। पुजारा का विकेट 105 के कुल योग पर गिरा। 94 गेंदों पर दो चौके लगाने वाले पुजारा को जोस हाजलेवुड ने आउट किया। इसी तरह कप्तान का विकेट 144 के कुल योग पर गिरा। कप्तान ने 93 गेंदों का सामना कर तीन चौके लगाए।
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इसके बाद बल्लेबाजी करने आए मयंक अग्रवाल और ऋषभ पंत ने लंच तक भारत को कोई और झटका नहीं लगने दिया और भारत ने चार विकेट पर 161 रन के साथ लंच की समाप्ति की। लंच के समय अग्रवाल 38 और पंत चार रनों पर नाबाद थे।
लंच के बाद भारत ने अग्रवाल और पंत का विकेट गंवाया। अग्रवाल टीम के 161 के कुल योग पर आउट हुए। अग्रवाल ने 75 गेंदों पर तीन चौके और एक छक्का लगाया। वहीं पंत 186 के कुल योग पर आउट हुए। पंत ने 29 गेंदों पर दो चौकों की मदद से 23 रन बनाए।
अग्रवाल और पंत के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए शार्दूल ठाकुर और वॉशिंगटन सुंदर ने चायकाल तक भारत को छह विकेट पर 253 रनों तक पहुंचाया। चायकाल के समय तक सुंदर 38 रनों पर और ठाकुर 35 रनों पर नाबाद थे और दोनों बल्लेबाज सातवें विकेट के लिए अर्धशतकीय साझेदारी कर चुके थे।
चायकाल के बाद ठाकुर और सुंदर ने टेस्ट करियर में पहली बार अपना-अपना अर्धशतक पूरा किया और सातवें विकेट के लिए महत्वपूर्ण शतकीय साझेदारी की और भारत को 300 रनों के पार पहुंचाया।
शार्दूल और सुंदर ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी करने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं।
भारत के लिए सातवें विकेट के लिए जनवरी 2019 के बाद पहली शतकीय साझेदारी हुई है। इससे 2018-19 में ऋषभ पंत और रवींद्र जडेजा ने सिडनी में 204 रन जोड़े थे।
ऑस्ट्रेलिया में सातवें विकेट के लिए शतकीय साझेदारी का इससे पहले का रिकार्ड काफी पुराना है। 1947-48 में जब आजाद भारत की टीम पहली बार विदेशी दौरे पर ऑस्ट्रेलिया गई थी तब विजय हजारे और हेमू अधिकारी ने एडिलेड में 132 रन जोड़े थे।
इसके अलावा 1991-92 सीरीज में मोहम्मद अजहरुद्दीन और मनोज प्रभाकर ने सातवें विकेट के लिए 101 रनों की साझेदारी की थी।
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शार्दूल टीम के 309 के कुल स्कोर पर सातवें बल्लेबाज के रूप में आउट हुए। उन्हें पैट कमिंस ने बोल्ड मारा। ठाकुर ने 115 गेंदों पर नौ चौके और दो छक्के लगाए।
इसके बाद भारत का आठवां विकेट नवदीप सैनी (5) के रूप में 320 के स्कोर पर, नौवां विकेट सुंदर के रूप में 328 के स्कोर पर जबकि अंतिम 10वां विकेट 336 के स्कोर पर मोहम्मद सिराज (13) के रूप में गिरा।
टी नजटराजन नौ गेंदों पर एक रन बनाकर नाबाद रहे। सुंदर ने 144 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का लगाया।
इसके साथ ही सुंदर भारत के लिए डेब्यू टेस्ट में तीन या उससे अधिक विकेट लेने के अलावा अर्धशतक लगाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। सुंदर ने ब्रिस्बेन में अर्धशतक लगाने के अलावा 89 रन देकर तीन विकेट भी लिए।
इससे पहले, भारत के लिए टेस्ट मैच में वाकया 1947-48 सीरीज में हुआ था। आजाद भारत की टीम पहली बार जब ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी तब दत्तू फडकर ने ऑलराउंडर के तौर पर सिडनी टेस्ट के साथ डेब्यू किया था।
फडकर ने 51 रनों की पारी खेली थी, जिसमें उन्होंने 101 गेंदों का सामना करते हुए चार चौके लगाए थे। इसके बाद फडकर ने 10 ओवर में दो मेडन सहित 14 रन देकर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट भी लिए थे।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से जोश हाजलेवुड ने पांच और कमिंस तथा मिशेल स्टार्क ने दो-दो जबकि नाथन लॉयन ने एक विकेट लिया।