Advertisement

IPL में अम्पायरों की गलतियां पर बीसीसीआई अधिकारी चिंतित, उठाया जा सकता है ऐसा कदम

नई दिल्ली, 3 अप्रैल | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अंपायरिंग का स्तर चर्चा का विषय बन गया है। आईपीएल-12 के दौरान कई मौकों पर अम्पायरों की गलतियां सामने आई हैं। मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के मैच में

Advertisement
IPL में अम्पायरों की गलतियां पर बीसीसीआई अधिकारी चिंतित, उठाया जा सकता है ऐसा कदम Images
IPL में अम्पायरों की गलतियां पर बीसीसीआई अधिकारी चिंतित, उठाया जा सकता है ऐसा कदम Images (Twitter)
Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
Apr 03, 2019 • 06:37 PM

नई दिल्ली, 3 अप्रैल | इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अंपायरिंग का स्तर चर्चा का विषय बन गया है। आईपीएल-12 के दौरान कई मौकों पर अम्पायरों की गलतियां सामने आई हैं।

Vishal Bhagat
By Vishal Bhagat
April 03, 2019 • 06:37 PM

मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के मैच में लसिथ मलिंगा का नो-बॉल अंपायर की नजर में नहीं आया और फिर दिल्ली कैपिटल्स के बल्लेबाज कोलिन इनग्राम को पगबाधा आउट दिया जाना चर्चा और विवाद का विषय रहे।

इन सब घटनाओं के बाद अब भारतीय क्रिकेट में अंपायरों की भर्ती प्रक्रिया चर्चा में आ गया है। 

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीबीसीआई) ने बोर्ड के पदाधिकारियों के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) को पत्र लिखकर देश में फिर से अंपायरिंग परीक्षा कराने पर विचार करने को कहा है। 

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि यह वास्तव में एक चिंताजनक था और भारतीय बोर्ड द्वारा इस पर तुरंत विचार करने की जरूरत थी। अधिकारी ने कहा कि परीक्षा को अत्यधिक व्यावसायिकता के साथ आयोजित करने की जरूरत है और अंपायर से संबंधित बिंदुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 

उन्होंने कहा, "यह एक गंभीर चिंता की बात है जोकि सभी पक्षों द्वारा उठाई जा रही है। लेकिन यह विशेष रूप से अंपायर के चयन के तरीके के संबंध में है। बार-बार इस तरह के सवाल उठाना ठीक नहीं है। लेकिन मुझे हैरानी तब होती है जब बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद अंपायरों की परीक्षाओं को लेकर इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया गया है।" 

बीसीसीआई के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अंपायरों की समिति की कमी के चलते ऐसे मामले सामने आए हैं। 

उन्होंने कहा, " अंपायरों से संबंधित इन फैसलों के बारे में कोई पारदर्शिता नहीं है क्योंकि इस संबंध में पूरी तरह से कोई जानकारी नहीं है। आम सभा बैठक का संचालन कौन करता है, सबा करीम, सीईओ राहुल जौहरी या फिर सीओए। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार, सीओए को क्रिकेट के प्रशासन की निगरानी के लिए रखा गया था। यह वह जगह है जहां बीसीसीआई कमजोर है।" 

अधिकारी ने साथ ही कहा, "शीर्ष प्रबंधन में किसी भी अधिकारी को क्रिकेट प्रशासन में लगभग दो साल से ज्यादा का अनुभव नहीं है और बीसीसीआई संगठन के लिए यह किसी विनाशकारी से कम नहीं है।"

यह पहली बार नहीं है कि भारत में अंपायरिंग की परीक्षा के आयोजन पर सवाल उठाए गए हैं। इससे पहले जुलाई 2018 में भी एक अंपायर ने देश में अंपायरों के चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया था। 

सीओए और बीसीसीआई के अधिकारियों को लिखते हुए अंपायर ने दावा किया कि जून 2018 में आयोजित की गई परीक्षाओं में धांधली हुई थी। 

अंपायर आरोप लगाया कि 2017 में भी ऐसा ही हुआ था। उन्होंने कहा कि उनके पास 'रैकेट' से संबंधित पूरी जानकारी थी। 

Trending

Advertisement

TAGS IPL 2019
Advertisement