सीओए की नीति पर फूटा बीसीसीआई अधिकारियों का गुस्सा
नई दिल्ली, 18 जुलाई - प्रशासकों की समिति (सीओए) ने गुरुवार को फैसला किया है कि न ही कोई भी अधिकारी और सीईओ अब से क्रिकेट समिति की बैठक का हिस्सा होंगे। अभी तक चयन समिति को अपने फैसलों में सचिव को लूप में लेना पड़ता था लेकिन सीओए ने फैसला किया है कि अब ऐसा नहीं होगा।
सीओए के इस फैसले पर अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अधिकारियों का गुस्सा फूट पड़ा है।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि क्या सीओए को अभी तक संविधान के नियमों के बारे में पता नहीं है? क्या समिति ने खुद जो संविधान बनाया है उसे समझने में उन्हें एक साल का समय लगेगा।
अधिकारी ने कहा, "बीसीसीआई के नए संविधान को सर्वोच्च अदालत ने देखा है और इसलिए यह जरूरी है कि उसका पालन किया जाए। इसे पंजीकृत किए तकरीबन एक साल का समय हो गया है लेकिन सीओए के लिए अभी यह सवेरा क्यों हुआ है? ऐसा क्या हुआ जिसने उन्हें जगा दिया? क्या उन्हें नहीं पता कि बोर्ड में क्या हो रहा है?"
अधिकारी ने कहा कि अगर सविंधान का पालन होना चाहिए तो अधिकारियों को भी नए नियमों के हिसाब से काम करने देना चाहिए।
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