बीसीसीआई अधिकारियों को अभी भी चुनावी नोटिस का इंतजार
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: | प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्यों को चुनाव संबंधी नोटिस भेज दिया है लेकिन बोर्ड के अधिकारियों को अभी भी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और 23 अक्टूबर को सुबह...
नई दिल्ली, 7 अक्टूबर: | प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सदस्यों को चुनाव संबंधी नोटिस भेज दिया है लेकिन बोर्ड के अधिकारियों को अभी भी वार्षिक आम बैठक (एजीएम) और 23 अक्टूबर को सुबह 11 बजे होने वाले बोर्ड के चुनावों के लिए नोटिस का इंतजार है।
बोर्ड के एक कार्यकारी ने आईएएनएस से इस बात की पुष्टि की और साथ ही कहा कि अगर सीओए बैठक की अध्यक्षता करना चाहती है तो यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर किए गए संविधान का उल्लंघन होगा।
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अधिकारी ने कहा, "सीओए ने अभी तक चुनावों के लिए अधिकारियों को नोटिस नहीं भेजा है। अगर सीओए एजीएम में अध्यक्षता करने की सोच रहा है तो यह सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर किए गए संविधान का उल्लंघन होगा।"
बोर्ड अधिकारी ने कहा कि यह अधिकारियों को बीसीसीआई एजीएम में हिस्सा लेने से रोकने का प्रयास हो सकता है।
अधिकारी ने कहा, "न ही संविधान में ऐसा प्रावधान है और न ही सुप्रीम कोर्ट का आदेश बीसीसीआई अधिकारियों को एजीएम में हिस्सा लेने से रोकने की बात कहता है। यह एक प्रयास हो सकता है कि बोर्ड के खाते मंजूर कर लिए जाएं वो भी सवाल करने वालों को प्रवेश न देकर।"
इस सभी में एक जो बात हैरानी वाली निकल कर सामने आई है वो यह है कि बोर्ड के कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने खातो पर दस्तखत विरोध में आकर किए हैं। इस मामले में जब चौधरी से बात करनी चाही वह उपलब्ध नहीं हुए हालांकि बोर्ड के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की।
कार्यकारी ने कहा, "हां, कोषाध्यक्ष ने खातों पर हस्ताक्षर किए हैं वो भी विरोध में आकर। मैं उनके स्थान पर इस पर टिप्पणी करने के लिए जिम्मेदार नहीं हूं इसलिए ज्यादा जानकरी नहीं दे सकता।"
मौजूदा हलचल को देखते हुए एक और अधिकारी ने कहा कि आगामी एजीएम बोर्ड के ऑडिटर्स के लिए भी परीक्षा होगी।
उन्होंने कहा, "वो अधिकारियों के बैठक में शामिल होने से इतने डरे हुए क्यों हैं? अगर उन्होंने कोई गलत नहीं किया है तो वह अधिकारियों को बैठक में हिस्सा लेने से रोक क्यों रहे हैं? क्या होगा अगर खाते पास नहीं किए गए तो? ऑडिटर्स को काफी जवाब देने हैं क्योंकि उनकी साख दाव पर है।"