प्लेऑफ से बीसीसीआई को इतने करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद, जानकर चौंक जाएंगे आप
नई दिल्ली, 30 अप्रैल | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के प्लेऑफ मैचों की टिकटों की बिक्री से 20 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद है। ग्रुप स्टेज में खेले गए...
नई दिल्ली, 30 अप्रैल | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें संस्करण के प्लेऑफ मैचों की टिकटों की बिक्री से 20 करोड़ रुपये की आमदनी की उम्मीद है।
ग्रुप स्टेज में खेले गए मुकाबलों के टिकटों से होने वाली आमदनी विभिन्न फ्रेंचाइजियों को दी जाती है जबकि अंतिम चार मुकाबलों का पैसा बोर्ड को दिया जाता है।
आईएएनएस को मिले दस्तावेजों के अनुसार, बीसीसीआई ने आईपीएल के 12वें संस्करण के लिए जारी किए बजट में यह दर्शाया है कि 2018 में टिकटों की ब्रिकी से जो आमदनी हुई थी उससे इस बार दो करोड़ का इजाफा हुआ। पिछले आईपीएल की टिकटों से बोर्ड को 18 करोड़ रुपये मिले थे।
इस संस्करण का फाइनल मैच 12 मई को हैदराबाद के राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टडियम में खेला जाएगा जबकि क्वालीफायर-1 चेन्नई और क्वालीफायर-2 एवं एलिमिनेटर विशाखापट्टनम में आयोजित किया जाएगा।
तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) को आई, जे और के स्टैंड खोलने की अनुमति नहीं मिली, जिसके कारण फाइनल मुकाबला हैदराबाद में आयोजित कराए जाने का निर्णय लिया गया है।
आमतौर पर प्लेऑफ मुकाबले मौजूदा विजेता और फाइनल तक पहुंचने वाली टीम के घरेलू मैदान पर खेले जाते हैं, लेकिन कुछ कठिनाइयों के कारण बीसीसीआई को विशाखापट्टनम में मैच कराने का निर्णय लेना पड़ा।
चेन्नई में क्वालीफायर-1 सात मई को खेला जाएगा। विशाखापट्टनम 8 और 10 मई को क्वालीफायर-2 और एलिमिनेटर की मेजबानी करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) के प्रमुख विनोद राय ने कहा था कि प्लेऑफ मुकाबलों को स्थानांतरित करना होगा क्योंकि इन मैचों के टिकट की बिक्री बोर्ड का विशेषाधिकार है।
राय ने कहा था, "टीएनसीए को आई, जे और के स्टैंड खोलने की अनुमति नहीं मिली जिसके बारे में उन्होंने हमें सूचित किया और हमने मुकाबलों को चेन्नई से हैदराबाद स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। चूंकि नॉक-आउट मैचों की टिकट बिक्री बोर्ड का विशेषाधिकार है इसलिए हमें यह निर्णय लिया।"
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