क्या 393 के स्कोर पर Declaration की वजह से हारा इंग्लैंड ? सुनिए बेन स्टोक्स का दिलेरी वाला बयान
ऑस्ट्रेलिया ने पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड को 2 विकेट से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है। इस करीबी हार के बाद इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की काफी आलोचना भी हो रही है।
एशेज 2023 सीरीज के पहले टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को आखिरी दिन के आखिरी सेशन में 2 विकेट से हरा दिया। इस जीत के साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने पांच मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त ले ली है। कंगारू टीम को ये मैच जीतने के लिए 281 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे उन्होंने 8 विकेट खोकर हासिल कर लिया।ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसरी पारी में भी सबसे ज्यादा 65(197) रन उस्मान ख्वाजा ने ही बनाए।
इंग्लैंड की इस हार के बाद उनकी बैज़बॉल अप्रोच पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। इंग्लिश कप्तान ने इस टेस्ट मैच के पहले ही दिन 393 रनों के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दी थी। ये पारी उस समय घोषित की गई जब जो रूट शतक बनाकर नाबाद खेल रहे थे और इंग्लैंड के हाथ में उस समय भी 2 विकेट थे लेकिन बेन स्टोक्स ने पारी घोषित करके हर किसी को हैरान कर दिया था। अब उनके इस फैसले को ही हार का सबसे बड़ा कारण माना जा रहा है लेकिन स्टोक्स को इस बात से कोई फर्क पड़ता नहीं दिख रहा है। स्टोक्स ने इस डेक्लेरेशन को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है।
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स्टोक्स ने मैच के बाद कहा, 'टीम इस मैच को अंत तक ले गई मुझे अपनी टीम पर बहुत गर्व है, हम मैच के दौरान उन सभी भावनाओं से गुजरें। ये एक और शानदार मैच रहा जिसका हम हिस्सा रहे हैं, मुझे बहुत आश्चर्य होगा अगर हमने इस टेस्ट के दौरान लोगों को उनकी सीटों से बांधे नहीं रखा। हमने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के लोगों को एशेज देखने के लिए एक और कारण दे दिया है। हार तो हार होती है, हमने कहा था कि हम ऐसे ही खेलते रहेंगे।'
आगे बोलते हुए स्टोक्स ने कहा, 'हम इसी तरह से खेलना जारी रखेंगे, ऑस्ट्रेलिया पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश करते रहेंगे, कुछ ऐसे फैसले लेंगे जो हमें सही लगेंगे। (पारी घोषणा पर पछतावा) बिल्कुल नहीं, मैंने इसे ऑस्ट्रेलिया पर झपटने के मौके के रूप में देखा। किसी भी बल्लेबाज के लिए आखिरी 20 मिनट बल्लेबाजी करना कभी आसान नहीं होता। कौन जानता है? हो सकता है कि रूट और जिम्मी आउट हो जाते और हम उसी जगह होते। (रूट पर) शानदार, जिस तरह से उसने कल खेला वो काफी शानदार था। पहले आधे घंटे में उन्होंने जो बहादुरी दिखाई वो अविश्वसनीय थी। पूरे खेल में डटे रहने का श्रेय ऑस्ट्रेलिया को जाता है। ब्रॉड और रोबिंसन ने जो प्रयास किए वो भी अविश्वसनीय थे।'