HBD अजीत अगरकर: अपनी गेंदबाजी से कपिल देव की याद दिलाते थे अगरकर..
अगरकर का जन्म 4 दिसंबर 1977 को हुआ था और वो अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं.. अजीत अगरकर भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक ऐसा नाम जिन्होंने अपने करियर में भारतीय क्रिकेट को जितना दिया, उसके बदले उन्हें क्रिकेट से
अगरकर का जन्म 4 दिसंबर 1977 को हुआ था और वो अपना 39वां जन्मदिन मना रहे हैं..
अजीत अगरकर भारतीय क्रिकेट इतिहास का एक ऐसा नाम जिन्होंने अपने करियर में भारतीय क्रिकेट को जितना दिया, उसके बदले उन्हें क्रिकेट से वो सराहना नहीं मिली जिसके वो सच्चे हकदार थे. अगरकर ने 16 साल तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को जिया. और इतने शानदार तरीके से जिया... कि क्रिकेट इतिहास के कई बड़े रिकॉर्ड्स पर अपने नाम की मोहर लगाई.
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जूनियर क्रिकेट में छाए अजीत अगरकर
अजीत अगरकर ने बचपन में शौकिया तौर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया और जब बचपन में अपनी कॉलोनी में क्रिकेट खेलते हुए पड़ोसियों की खिड़कियां तोड़ते तो उनके घरवाले परेशान होकर उन्हें शिवाजी पार्क में कोच रमाकांत आचरेकर के पास लेकर गए जहां आचरेकर की देखरेख में अजीत अगरकर के टेलेंट को नई पहचान मिली।
अपने द्रोणाचार्य की देखरेख में अजीत दिन-रात प्रैक्टिस करते थे इतना ही नहीं उन्होंने बचपन में स्कूल क्रिकेट की जूनियर टीम से बतौर बल्लेबाज तिहरा शतक भी जमाया था लेकिन एक बल्लेबाज के रूप में शुरूआत करने वाले अगरकर ने आगे जाकर खुद एक सधे हुए तेज गेंदबाज के रूप में पहचान बनाई। जल्द ही उनकी ये मेहनत रंग लाई और उन्हें मुंबई की रणजी क्रिकेट में जगह मिल गई।
उस समय घरेलू क्रिकेट में सिर्फ मुबंई का ही दबदबा हुआ करता था। मुंबई रणजी चैंपियन थी और सिर्फ 15 साल की उम्र में एक दमदार टीम का हिस्सा बनना उनके क्रिकेट करियर में पंख लगाने जैसा था। टीम इंडिया को झटका, इंग्लैंड के खिलाफ मुंबई टेस्ट से दो बड़े खिलाड़ी बाहर
टीम इंडिया में मिले मौके को भुनाया
अगरकर के जुनून ने उन्हें जल्द ही टीम इंडिया में जगह दिला दी। वनडे क्रिकेट में अगरकर ने अपना पहला मैच 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला. डेब्यू के बाद लगातार 13 मैचों तक एक भी मैच ऐसा नहीं रहा जिसमें उन्हें विकेट न मिला हो. इस तूफानी रफ्तार से बढ़ रहे करियर ने कई रिकॉर्ड ध्वस्त किए.
टेस्ट और वनडे क्रिकेट में अगरकर के खास रिकॉर्ड्स
1998 में वनडे क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कोच्चि में डेब्यू करने वाले अगरकर के नाम वनडे क्रिकेट में भारत की ओर से 21 मैचों में 50 विकेट लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. अपने इस रिकॉर्ड के साथ ही अगरकर ने ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली के सबसे तेज 50 विकेट लेने का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी तोड़ दिया।
1998 में बनाए गए अगरकर के इस रिकॉर्ड को 2009 में श्रीलंका के अजंथा मेंडिस ने तोड़ा। जाहिर है इंटरनेशनल प्लेटफॉर्म पर भी अगरकर ने खुद को साबित करने में ज्यादा समय नहीं लिया। अजीत ने क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स में नंबर 8 पर बैटिंग करते हुए शतक जड़ा था तो अगरकर के करियर का सबसे यादगार पल में से एक थआ अजीत अगरकर ने वो कारनामा कर दिखाया. जो सचिन तेंदुलकर जैसे महान बल्लेबाज भी नहीं कर पाए थे। BREAKING: क्रिकेट के भगवान सचिन ने खोया अपना सबसे बड़ा फैन, तेंदुलकर पर दुख का पहाड़ टूटा
वनडे क्रिकेट में अगरकर ने सबसे यादगार प्रदर्शन 2004 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में किया था. जब उन्होंने 42 रन देकर ऑस्ट्रेलिया के 6 विकेट हासिल किए थे. इतना ही नहीं अगरकर वनडे क्रिकेट में भी बल्ले से धमाल मचा चुके हैं. साल 2002 में सौरव गांगुली ने उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतारा, तो अजीत ने भी अपने कप्तान के भरोसे पर खड़ा उतरते हुए 95 रन की शानदार पारी खेली। इसके अलावा अजीत अगरकर को वनडे में भी सबसे तेज अर्धशतकीय पारी के लिए भी याद किया जाता है.
अजीत ने साल 2000 में जिम्बाब्वे के खिलाफ सिर्फ 21 गेंदों में हॉफ सेंचुरी बनाई थी. 2003 में जब भारत ने 20 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैच जीता, तो उस जीत में अगरकर का बहुत बड़ा योगदान था. पहली पारी में 556 रन का पहाड़ जैसा स्कोर बनाने वाली कंगारू टीम को दूसरी पारी में अगरकर की घातक गेंदबाजी के आगे नतमस्तक हो गई. और अजीत ने कंगारूओं को सिर्फ 196 रन पर ढेर कर दिया था. अजीत अगरकर के नाम सबसे कम वनडे मैचों में 200 विकेट और 1000 रन बनाने का भी रिकॉर्ड है. उन्होंने शॉन पॉलक के 138 मैचों का रिकॉर्ड तोड़ा था.
गेंद और बल्ले दोनों से जानदार प्रदर्शन के चलते अजीत अगरकर एक ऑल राउंडर के तौर पर भी अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे. यहां तक की उनकी तुलना पूर्व दिग्गज कप्तान कपिल देव से भी की जाने लगी थी. OMG: अश्विन, जडेजा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज से बाहर
अजीत अगरकर भारत के तरफ से वनडे मुकाबलों में सबसे तेज 150, 200 और 250 विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।
अजीत अगरकर ने मुंबई को बनाया रणजी चैंपियन
75 साल बाद रणजी फाइनल में जगह बनाने वाली सौराष्ट्र की टीम के सपनों को मुंबई ने अपने घरेलू मैदान पर करारा झटका दिया। मुंबई के कप्तान अजित अगरकर और धवल कुलकर्णी की कातिलाना गेंदबाजी की बदौलत मेजबान टीम ने सौराष्ट्र को मैच के तीसरे दिन ही पारी और 125 रन से करारी शिकस्त देकर 40वीं बार रणजी ट्रॉफी खिताब अपने नाम कर लिया। कोहली की नहीं इस भारतीय बल्लेबाज की बल्लेबाजी देखना सचिन को ज्यादा पसंद है..
कुल मिलाकर हम ये कह सकते हैं 16 अक्तूबर 2013 को क्रिकेट को अलविदा कहने वाले ये खिलाड़ी बतौर ऑलराउंडर अपनी अमिट छाप छोड़ने में कमायब रहा है और अपने इस शानदार सफर के दौरान अजीत ने अपने चाहनेवालों को कुछ ऐसे यादगार पल दिए हैं... जो उनके जहन में हमेशा जिंदा रहेंगें...।
इन सबके बावजूद अगरकर के साथ क्रिकेट के मैदान पर एक ऐसी घटना भी घटी थी जो क्रिकेट प्रेमी याद करके ठहाके लगाने पर मजबूर हो जाते हैं। हुआ ये था कि एक दफा आगरकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार सात पारियां में शून्य पर आउट हुए जिसके बाद अगले मैच में अगरकर ने जब इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 1 रन लिया तो अगरकर इतने खुश हुए कि उन्होंने बल्ला उठाकर सलामी दी। ऐसा करते ही पूरा स्टेडियम दर्शकों के हंसी से गुंज उठा।
देखिए वो शानदार वीडियो
Writer TV Sports Journalist Shraddha bagdwal
Happy Birthday my Hero. Ajit Agarkar may God bless you with lots of love happiness and success. @imAagarkar pic.twitter.com/B6URxsNgG0
— shraddha bagdwal (@ComShra) December 3, 2016