Cricket History - भारत का इंग्लैंड दौरा 1946
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान हवाई जहाज का साधन आने से यात्रा आसान हो गई और 1946 के इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम पहली बार उड़ान भरकर एशिया से बाहर गई। यह एक नाजुक पल था क्योंकी भारत में राजनीति
वीनू मांकड़ को उस साल 1,120 रन बनाने और 129 विकेट लेने के लिए 'विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर' का अवॉर्ड मिला।
लेकिन भारत ने इस दौरान सर्रे के खिलाफ ओवल के मैदान पर सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत की टीम एक समय 9 विकेट के नुकसान पर 205 रन बनाकर संघर्ष कर रही थी लेकिन इसके बाद 10वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए चंदू सरवाटे के 124 रन और 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए शुते बनर्जी के 121 रनों की बदौलत आखिरी विकेट के लिए दोनों के बीच 249 रनों की साझेदारी हुई। यह एकमात्र फर्स्ट-क्लास मैच है जब आखिरी दो बल्लेबाजों ने शतक जमाया है। सीके नायडू के भाई सीएस नायडू ने इस मैच में हैट्रिक विकेट लेने का कारनामा किया था।
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भारत ने जब इसके सीरीज के बाद मैच खेला तो देश आजाद हो चूका था।