चेन्नई, 20 दिसम्बर| इंग्लैंड के खिलाफ एम. ए. चिदंबरम स्टेडियम में चल रहे पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच के चौथे दिन सोमवार तिहरा शतक लगाने वाले बल्लेबाज करुण नायर के पिता कलाधरन नायर ने कहा कि क्रिकेट 10 साल की उम्र से ही उनके खून में दौड़ रहा है। करियर का तीसरा टेस्ट मैच खेल रहे नायर ने 303 रनों की नाबाद पारी खेली। अपने बेटे की ऐतिहासिक उपलब्धि से खुश कलाधरन ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं और मेरी पत्नी ने स्टेडियम में बैठ कर अपने बेटे को खेलते देखा। 10 साल की उम्र से ही क्रिकेट उसके खून में दौड़ने लगा था और उसने कड़ी मेहनत की है। उसने यहां तक पहुंचने से पहले पांच साल प्रथण श्रेणी क्रिकेट और उसके बाद दो साल तक रणजी खेला।"
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अपने बेटे से मिलने पर क्या कहेंगे? इस बारे में कलाधरन ने कहा, "मैं भले ही स्टेडियम में मौजूद था, लेकिन मैं उससे शाम को होटल में ही मिलूंगा। उससे क्या कहना है इस समय मैं इस बात को निजी रखना चाहता हूं।"
नायर सोमवार को टेस्ट करियर के पहले शतक के तौर पर तिहरा शतक लगाने वाले दुनिया के तीसरे और भारत के पहले बल्लेबाज बने। इस सूची में पहले स्थान पर वेस्टइंडीज के पूर्व बल्लेबाज गैरी सोबर्स और दूसरे स्थान पर आस्ट्रेलिया के बॉब सिम्पसन हैं। अपने बेटे के शानदार प्रदर्शन से भावुक नायर की मां ने कहा, "नायर का जन्म नौ महीने से कम अवधि में हुआ था और चिकित्सकों ने हमें उसका अधिक ध्यान देने का सुझाव दिया था। नायर ने कम उम्र से ही गलियों से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।"
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मां ने कहा, "हम अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर पा रहे। हमारी इच्छा थी कि वह भारत के लिए खेले और उन्होंने ऐसा कर दिखाया। आज हमारी इच्छा थी कि वह शतक लगाएं और उन्होंने वो भी कर दिखाया। इससे अधिक और क्या कहें? हम बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। मैं नहीं जानती कि मैं जब शाम को उससे मिलूंगी तो क्या कहूंगी।" करुण टेस्ट में शतक लगाने वाले पहले मलयाली खिलाड़ी बन गए हैं। वह हालांकि बेंगलुरू में रहते हैं और कर्नाटक के लिए रणजी ट्रॉफी खेलते हैं लेकिन उनके माता-पिता केरल के अलप्पुझा के चेंगानूर के रहने वाले हैं और समय-समय पर वहां जाते रहते हैं।