नई दिल्ली, 5 जनवरी| क्रिकेट इतिहास में जब भी सफल कप्तानों का जिक्र होगा तो उसमें भारत के महेंद्र सिंह धौनी का नाम बेशक आएगा। धौनी का नाम भारत के ही नहीं विश्व के सफलतम कप्तानों की सूची में आता है। धौनी ने बुधवार को भारत की एकदिवसीय और टी-20 क्रिकेट टीम के कप्तान पद से इस्तीफा दे दिया है। एक ऐसे देश में जहां संन्यास लिया नहीं जबरन लिवाया जाता रहा है, धौनी ने अपने चरम पर रहते कप्तानी से हटने का फैसला किया और नई मिसाल पेश की।
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उनका यह फैसला हैरानी भरा रहा जिससे पूरा क्रिकेट जगत सकते में हैं। धौनी से इस्तीफे की उम्मीद किसी को नहीं थी। मैदान पर 'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर धौनी ने कप्तानी छोड़ने का फैसला भी उतने ही शांत अंदाज में लिया, जिस तरह वह मैदान पर कप्तानी करते रहे हैं। क्रिकेट के सार्वकालिक महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के कहने पर चयनकर्ताओं ने धौनी को टीम की कमान सौंपी थी और धौनी ने सचिन की सिफरिश को शत प्रतिशत सही ठहराया। अपनी पहली परीक्षा में उन्होंने भारत का नाम इतिहास में दर्ज करा दिया। दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी-20 विश्व कप में धौनी पहली बार भारतीय टीम का नेतृत्व कर रहे थे। धौनी ने जीत के सिलसिले को इस तरह शुरू किया कि टीम फाइनल में चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को हराकर विजेता बनकर लौटी।
इसके बाद धौनी जीत और कप्तानी की नई इबारत लिखते चले गए। टी-20 विश्व कप जीत के बाद राहुल द्रविड़ के एकदिवसीय में कप्तानी छोड़ने के बाद धौनी को टीम का कप्तान बनाया गया। धौनी ने इस प्रारूप में भी सफलता के नए आयाम लिखे। 2011 में भारतीय सरजमीं पर खेले गए 50 ओवरों के विश्व कप के फाइनल में धौनी ने छक्का लगाकर 28 साल बाद देश को विश्व कप खिताब दिलाया। अनिल कुंबले ने टेस्ट में टीम की कप्तानी छोड़ी तो धौनी यहां भी जिम्मा लेने को आगे खड़े थे। नवंबर, 2008 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई श्रंखला के चौथे टेस्ट मैच में धौनी को टीम की कमान सौंपी गई। टेस्ट में भी धौनी ने टीम को पहली बार नंबर-1 बनाया।
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धौनी भारत के इकलौते ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी के सभी आयोजनों में टीम को जीत दिलाई है। धौनी की कप्तानी में ही भारत ने 2013 में हुई चैम्पियंस ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।
एकदिवसीय में धौनी ने कुल 199 मैचों में टीम का नेतृत्व किया। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फिनिशर माने जाने वाले धौनी ने टीम को कप्तान रहते कुल 110 मैचों में जीत दिलाई जबकि 74 मुकाबलों में उन्हें हार मिली। चार मुकाबले टाई और 11 मैचों का कोई परिणाम नहीं निकला। कप्तान रहते हुए एक बल्लेबाज के तौर पर भी धौनी कामयाब रहे। उन्होंने कप्तान रहते एकदिवसीय में 54 का औसत और 86 के स्ट्राइक रेट से 6,683 रन बनाए।
वह विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा एकदिवसीय मैचों में कप्तानी करने के मामले में तीसरे नंबर पर आते हैं। उनसे ज्यादा आस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग ने एकदिवसीय मैचों में कप्तानी की है। धोनी को क्रिकेट इतिहास में करिश्माई कप्तान भी कहा जाता है। क्रिकेट के मैदान पर उन्होंने कई बार ऐसे जोखिम उठाए जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।