क्रिकेट के टाइम में एक ऐसा दौर भी था जब विकेटकीपर का चयन बल्लेबाजी के लिए नहीं बल्कि केवल विकेटकीपिंग के लिए होता था। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे टीमों ने महसूस करना शुरू कर दिया कि अगर उनको वर्ल्ड क्रिकेट में अपना दबदबा मनवाना है तो विकेटकीपर बल्लेबाज पर फोकस करना होगा। टीम इंडिया की कहानी एम एस धोनी के उदय ने पूरी बदल दी। लेकिन, किसी का उदय किसी के पतन का भी कारण बन सकता है। इस आर्टिकल में 5 बदनसीब क्रिकेटर हैं जिन्हें धोनी युग में डेब्यू करने की सजी मिली।
ऋद्धिमान साहा: विकेटकीपर बल्लेबाज साहा को अपने करियर के अधिकतम समय मैदान पर ड्रिक्ंस ले जाते हुए ही देखा गया। साहा को टीम इंडिया में मौके तब मिलना शुरू हुए जब धोनी ने साल 2014 में टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था। इसके बाद भी उनका करियर इतना आसान नहीं रहा ऋषभ पंत के उदय ने भी उनके करियर पर प्रभाव डाला। 38 साल के साहा ने भारत के लिए 40 टेस्ट और 9 वनडे खेले हैं।



