शाही अंदाज खूंखार मिज़ाज आंखे इतनी तेज की उड़ते पंछी के पर गिन ले और बैटिंग का तो पूछो ही मत शॉट ऐसे कि गेंद को नहीं गेंदबाज को ही स्टेडियम के बाहर फेंक दे। हम बात कर रहे हैं मंसूर अली खान पटौदी की जिसे दुनिया टाइगर पटौदी के नाम से जानती है। साल 1961 पटौदी के नवाब इफ्तिखार खान और भोपाल की नवाब बेगम सजीदा सुल्तान के इकलौते बेटे टाइगर पटौदी ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल कर रख दी।
रनों का अंबार लगाने के बाद हुआ था सिलेक्शन: टाइगर पटौदी जब 20 साल के थे तब उनका सिलेक्शन टीम इंडिया में हुआ था। हालांकि, टीम इंडिया में उनका सिलेक्शन कोई अंचभे की बात नहीं थी क्योंकि बीते 4 साल अगर उठाकर देखें तो पाएंगे कि इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड में चैंपियनशिप जीतने के अलावा रिकॉर्ड की झड़ी लगाते हुए रनों का अंबार लगा दिया था।




