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कैदी नंबर 2,41, 383 नवजोत सिंह सिद्धू ने नहीं खाया जेल में खाना, बैरक नंबर 10 में हैं बंद

1988 road rage case में पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू जेल में सजा काट रहे हैं। जेल में पहली रात नवजोत सिंह सिद्धू ने खाना नहीं खाया। नवजोत सिंह सिद्धू 1 साल तक जेल में बंद रहेंगे।

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Cricket Image for Former Indian Cricketer Navjot Sidhu In Patiala Jail
Cricket Image for Former Indian Cricketer Navjot Sidhu In Patiala Jail (Navjot singh Sidhu)
Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
May 21, 2022 • 10:40 PM

navjot singh sidhu case 1988: रोड रेज मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को जेल हो गई है। जेल में बंद नवजोत सिंह सिद्धू पटियाला के सेंट्रल जेल में बैरक नंबर 7 में बंद हैं। नवजोत सिंह सिद्धू का कैदी नंबर 2,41, 383 है। शुक्रवार को जेल में नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी पहली रात बितानी पड़ी। जेल में पहली रात के दौरान सिद्धू ने कथित तौर पर यह कहते हुए रात का खाना छोड़ दिया कि वह पहले ही खाना खा चुके हैं। 

Prabhat  Sharma
By Prabhat Sharma
May 21, 2022 • 10:40 PM

समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू को चार अन्य कैदियों के साथ बैरक में रखा गया है। रोड रेज मामले में गुरुवार को सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सजा देने में किसी भी तरह की अनुचित सहानुभूति न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून की प्रभावशीलता में जनता के विश्वास को कम करेगी। 

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मालूम हो कि इस घटना में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, जिन्होंने पंजाब के अमृतसर से ही सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ा था, वह भी एक ड्रग मामले में उसी जेल में बंद हैं लेकिन, उसका बैरक अलग है। 

दोनों नेता आम आदमी पार्टी की जीवन ज्योत कौर से चुनाव हार गए थे। जब पत्रकारों ने गुरुवार को फैसले पर सिद्धू का रिएक्शन जानना चाहा तो उन्होंने कमेंट करने से इनकार कर दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने यह कहते हुए ट्वीट किया था कि वो कानून के सामने समर्पण करेंगे।

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हालांकि, शीर्ष अदालत ने मई 2018 में सिद्धू को 65 वर्षीय गुरनाम सिंह के मामले में दोषी ठहराया था, इसने उसे जेल की सजा सुनाई और ₹1,000 का जुर्माना लगाया। गुरनाम सिंह के परिवार ने फैसले की समीक्षा की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति दी थी।

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