पूर्व खिलाड़ियों ने की फ्लेचर को हटाने की मांग, धोनी भी आये निशाने पर
इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में पांचवें और अंतिम टेस्ट में भारत को पारी और 244 रन की शर्मनाक
नई दिल्ली, 18 अगस्त (हि.स.) । इंग्लैंड के खिलाफ ओवल में पांचवें और अंतिम टेस्ट में भारत को पारी और 244 रन की शर्मनाक हार के बाद महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी पर सवाल उठाते हुए पूर्व खिलाड़ियों ने कोच डंकन फ्लेचर को भी बाहर करने की मांग की है। पूर्व खिलाड़ियों ने शर्मनाक हार के दौरान फ्लेचर की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा कि उनका योगदान ‘शून्य’ रहा और उन्हें हटाने का समय आ गया है।
पूर्व कप्तान अजीत वाडेकर ने कहा, लार्ड्स की मुश्किल पिच पर हमारे जीतने के बाद फ्लेचर क्या कर रहे थे। यहीं रचनात्मकता की कमी नजर आती है। हां, मुझे लगता है कि फ्लेचर को जाना चाहिए।
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धोनी के संदर्भ में वाडेकर ने कहा कि उसने अपनी तकनीक में बदलाव किया और अच्छी बल्लेबाजी की। लेकिन मुझे समझ में नहीं आता कि वह कप्तान के रूप में अपनी रणनीति में बदलाव क्यों नहीं करता। उदारण के लिए उसने थर्ड मैन नहीं रखा जहां आधे रन बने। साथ ही टीम चयन में अश्विन को पहले ही टेस्ट से खेलना चाहिए था। मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों नहीं हुआ।
पूर्व बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ का भी मानना है कि मुश्किल समय में धोनी उम्मीद करते हैं कि करिश्मे से टीम इससे उबरने में सफल रहेंगी। विश्वनाथ ने कहा, मैं उसकी विकेटकीपिंग और कप्तानी से खुश नहीं हूं। उसका अपना दिमाग है। वह हमेशा चीजों को दोहराता है। वह हमेशा करिश्मे की उम्मीद करता है। करिश्मे हमेशा नहीं होते। यह कभी कभार ही होते हैं।
पूर्व स्पिनर इरापल्ली प्रसन्ना ने कहा, टीम में फ्लेचर का योगदान शून्य है। एक अन्य पूर्व कप्तान क्रिस श्रीकांत भी कोच फ्लेचर के बारे में ऐसा ही सोचते हैं। उन्होंने कहा, फ्लेचर ने टीम के लिए कोई योगदान नहीं दिया। एक टेस्ट में भारत की कप्तानी करने वाले मध्यक्रम के पूर्व बल्लेबाज चंदू बोर्डे ने मौजूदा खिलाड़ियों की तकनीक की आलोचना की।
बोर्डे ने कहा, मुझे हैरानी है कि इन युवाओं ने अपनी तकनीक में बदलाव नहीं किया जबकि लार्ड्स में इंग्लैंड की हार के बाद एलिस्टेयर कुक जैसे खिलाड़ी ने ऐसा किया जो भुवनेश्वर कुमार की स्विंग से निपटने के लिए क्रीज से कुछ फीट बाहर खड़े हुए।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/अनूप