ग्रैग चैपल भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित करना चाहते थे : सचिन तेंदुलकर
महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने गुरूवार को विमोचन होने वाली अपनी आत्मकथा प्लेइंग
नई दिल्ली, 03 नवंबर (हि.स.) । महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने गुरूवार को विमोचन होने वाली अपनी आत्मकथा “प्लेइंग इट माइ वे” में एक और बड़ा खुलासा किया है। इस खुलासे में उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व कोच ग्रैग चैपल पर आरोप लागाया है कि वे 2007 विश्व कप से पहले भारतीय टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ को पद से हटा कर भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित करना चाहते थे। साथ ही सचिन ने चैपल की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें ‘‘रिंगमास्टर’’ भी कहा है।
तेंदुलकर ने 2005 से 2007 के बीच राष्ट्रीय टीम के कोच रहे चैपल पर आरोप लगया है कि वे द्रविड़ को कप्तानी से हटाकर मुझे ये पद सौपना चाहते थे जिसके सहारे वे भारतीय क्रिकेट पर राज कर सकें। सचिन ने अपनी आत्मकथा में बताया कि वेस्टइंडीज में खेले गये विश्व कप 2007 से कुछ महीने पहले उन्हें राहुल द्रविड़ के स्थान पर भारतीय टीम की कप्तानी संभालने का सुझाव दिया था। इसके बाद चैपल सचिन के घर जाकर उनसे मिले और कहा कि हम दोनों मिलकर वर्षों तक भारतीय क्रिकेट को नियंत्रित कर सकते हैं । वह द्रविड़ से कप्तानी दिलाने में मेरी मदद कर सकते है। उन्होंने लिखा है कि अंजलि भी मेरे साथ बैठी थी और वह भी यह सुनकर हैरान थी। तेंदुलकर ने लिखा है कि मुझे हैरानी हुई कि कोच कप्तान के प्रति थोड़ा भी सम्मान नहीं दिखा रहा है जबकि क्रिकेट का सबसे बड़ा टूर्नामेंट कुछ महीनों बाद होना है। वहीं इस स्टार बल्लेबाज ने कहा कि उन्होंने चैपल का सुझाव सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने लिखा कि चैपल दो घंटे तक रुके रहे, मुझे मनाने की कोशिश करते रहे और आखिर में चले गये।
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इसके बाद सचिन ने चैपल को ‘रिंगमास्टर’’ कहते हुए आरोप लगाया है कि इंडियन क्रिकेट टीम का कोच बेहद तानाशाह था। वह अपने नजरिए को टीम के खिलाड़ियों पर जबरदस्ती थोपते था।
हिन्दुस्थान समाचार/धीरेन्द्र/अनूप