'किस मिट्टी के बने हो हनुमा विहारी', खुद को बाहर करने के लिए पहुंच गए कोच के पास
पिछले कुछ महीनों में या फिर कहें कि एक-डेढ़ साल में हनुमा विहारी को लेकर काफी चर्चा होती रही है। इस खिलाड़ी को जब-जब मौके मिले हैं, तब-तब उन्होंने प्रदर्शा किया है लेकिन इसके बावजूद वो टेस्ट टीम में अपनी
पिछले कुछ महीनों में या फिर कहें कि एक-डेढ़ साल में हनुमा विहारी को लेकर काफी चर्चा होती रही है। इस खिलाड़ी को जब-जब मौके मिले हैं, तब-तब उन्होंने प्रदर्शा किया है लेकिन इसके बावजूद वो टेस्ट टीम में अपनी जगह पक्की नहीं कर पाए हैं। श्रीलंका के खिलाफ सीरीज में ना तो चेतेश्वर पुजारा हैं और ना ही अजिंक्य रहाणे ऐसे में अब विहारी को मौका मिलना तय है लेकिन बैटिंग पोजिशन क्या होगी ये अभी तक तय नहीं है।
हालांकि, श्रीलंका के खिलाफ सीरीज से पहले हनुमा विहारी को लेकर बज़्ज बना हुआ है और इसी कड़ी में टीम इंडिया के पूर्व फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने इस खिलाड़ी को लेकर एक बहुत बड़ा खुलासा किया है। श्रीधर ने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान हनुमा विहारी के साथ हुई एक बातचीत को शेयर किया है। श्रीधर द्वारा बताई गई इस कहानी को जानने के बाद आप भी हनुमा विहारी को सलाम किए बिना नहीं रह पाएंगे।
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उस सीरीज में विहारी ने छठे बल्लेबाज के रूप में सीरीज का पहला टेस्ट खेला और पहली पारी में 10 (24) रन बनाए। 28 वर्षीय विहारी उस सीरीज में अपनी जगह बनाने के लिए लड़ रहे थे और हर मौके को भुनाना बेहद जरूरी था। हालाँकि, वो पहले मैच के बाद श्रीधर के पास गए और टीम के लिए सोचते हुए खुद को प्लेइंग इलेवन से बाहर करने की मांग कर दी।
श्रीधर ने उस किस्से को याद करते हुए कहा, "उस समय विजाग टेस्ट के दौरान, मुझे याद है कि वो मेरे पास आया था और कहा था 'सर, मुझे ये टेस्ट नहीं खेलना चाहिए था'। हनुमा ने वो टेस्ट खेला था क्योंकि उसने जमैका में पिछले टेस्ट में शतक बनाया था। भारत में, हम कुछ कॉम्बिनेशन्स के साथ खेलते हैं और हमने तब भी पांचवें दिन वो टेस्ट मैच जीता था लेकिन हमें वहां तक पहुंचाने में शमी ने अहम भूमिका निभाई।"
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आगे बोलते हुए श्रीधर ने कहा, "उन्होंने कहा, 'सर, अगला टेस्ट मुझे नहीं खेलना चाहिए। हमें एक अतिरिक्त गेंदबाज के साथ खेलना चाहिए क्योंकि हम जिस तरह से बल्लेबाजी कर रहे हैं, हमें छह बल्लेबाजों की जरूरत नहीं है'। उस सीरीज में रोहित जबरदस्त फॉर्म में थे, मयंक शानदार बल्लेबाजी कर रहे थे और उस समय वो भारत में उनका पहला टेस्ट भी था। हनुमा को पता था कि टीम का कप्तान हमेशा टीम को अपने से आगे रखेगा। वो ये बात समझता है।"