धोनी बन गए हैं द्रोणाचार्य, विकेट के पीछे से ऐसे करते हैं टीम इंडिया की मदद
14 फरवरी, (CRICKETNMORE)। महेंद्र सिंह धोनी वो नाम जिसने पिछले एक दशक से ज्यादा समय में भारतीय क्रिकेट को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचाया है। कप्तान, विकेटकीपर या फिर बल्लेबाज धोनी ने अपने हर रोल को बखूबी निभाया है। कप्तानी
14 फरवरी, (CRICKETNMORE)। महेंद्र सिंह धोनी वो नाम जिसने पिछले एक दशक से ज्यादा समय में भारतीय क्रिकेट को कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंचाया है। कप्तान, विकेटकीपर या फिर बल्लेबाज धोनी ने अपने हर रोल को बखूबी निभाया है। कप्तानी को वो अलविदा कह चुके हैं लेकिन विकेटकीपिंग के मामले में मौजूदा समय में भी उन्हें दुनिया का कोई खिलाड़ी टक्कर नहीं देता। विकेटों के पीछे उनकी तेजी, बल्लेबाजी की गलतियों को पकड़ना उन्हें बाकियों से अलग बनाता है। आइए आपको बतातें हैं
कप्तानी में कोहली की मदद
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कप्तानी से संन्यास के बाद से धोनी वनडे औऱ टी20 क्रिकेट में कप्तानी में विराट कोहली का काम आसान करते हैं। मैदान पर फील्डिंग लगाने और गेंदबाजी में बदलाव करने जैसे फैसलों में धोनी बखूबी कोहली की मदद करते हैं। आमतौर पर टीम का कप्तान 30 गज के घेरे में ही मौजूद रहता है, कोहली के साथ ऐसा नहीं है। धोनी विकेट के पीछे मौजूद हैं इसलिए ही कोहली बहुत से मौकों पर बाउंड्री पर फील्डिंग करते हुए नजर आते हैं।
युवा गेंदबाजों की मदद
धोनी विकेटकीपिंग करते हुए खिलाड़ियों को कैच औऱ स्टंप आउट तो करते ही हैं लेकिन इसके साथ ही वह युवा गेंदबाजों की मदद भी करते हैं। धोनी विकेट के पीछे से बल्लबाजों की हरकतों को पढ़ते हैं औऱ गेंदबाजों को बताते हैं कि बल्लेबाज अगली कुछ गेंदों में क्या शॉट खेलने वाला है। यही वजह है कि साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज में धमाल मचा रहे यजवेंद्र चहल औऱ कुलदीप यादव ने अपने प्रदर्शन का काफी श्रेय धोनी को भी दिया है।
डीआरएस में धोनी का रोल
जब भी टीम इंडिया लिमिटेड ओवर क्रिकेट खेलती है और गेंदबाजी के दौरान किसी अपील के लिए डीआरएस लेने की जरुरत पड़ती है तो कप्तान विराट कोहली एमएस धोनी का रुख करते हैं। बहुत कम बार ऐसा होता है जब धोनी डीआरएस लेने को कहते हैं औऱ खिलाड़ी आउट नहीं होता। कोहली खुद ये कह चुके हैं कि डीआरएस के मामले में धोनी के फैसले 95 प्रतिशत सही होते हैं।