मैच के लिए सुरक्षा मुहैया कराने से कभी मना नहीं किया: वीरभद्र
शिमला, 10 मार्च | भारत-पाकिस्तान के बीच धर्मशाला में होने वाले विश्व कप मैच को कोलकाता स्थानांतरित किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस मैच के
शिमला, 10 मार्च | भारत-पाकिस्तान के बीच धर्मशाला में होने वाले विश्व कप मैच को कोलकाता स्थानांतरित किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने कभी भी इस मैच के लिए सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार नहीं किया था। उन्होंने कहा कि मैच को धर्मशाला से कोलकाता स्थानांतरित करने का फैसला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का है।
वीरभद्र ने मैच को स्थानांतरित किए जाने के मुद्दे को उठाने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी भी मैच के लिए सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थता नहीं जताई थी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी इस बारे में सूचित कर दिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ऐसे मैचों के लिए पहले भी सुरक्षा मुहैया कराता आया है और वह इस बार भी सुरक्षा प्रदान करने को तैयार था।
आईसीसी ने बुधवार को 19 मार्च को भारत-पाकिस्तान के बीच धर्मशाला में होने वाले मैच को सुरक्षा कारणों से कोलकाता स्थानांतरित कर दिया। वीरभद्र ने कहा है कि ठाकुर, जो कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद भी हैं, का इस मुद्दे पर राजनीति करना और मैच स्थानांतरित होने के लिए राज्य सरकार को दोषी ठहराना पूरी तरह से अपमानजनक हैं।
उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक, करगिल युद्ध में शहीद होने वाले सैनिकों के परिजन, पठानकोट आतंकवादी हमले में शहीद होने वाले सैनिकों के परिजन धर्मशाला में मैच का विरोध कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ठाकुर से शहीदों के परिवारों वालों और पूर्व सैनिकों से मिल कर उनका समर्थन मांगने की बात भी कही थी ताकि मैच से पहले अच्छा माहौल बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता, जिनमें पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में सांसद शांता कुमार भी शामिल हैं, भी मैच के खिलाफ थे और उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर मैच के आयोजन के संबंध में अपनी असहमति भी जताई थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुराग ठाकुर स्थानीय लोगों की भावनाओं का सम्मान करने के बजाए दोषारोपण का खेल खेल रहे हैं। यह बताता है कि उनके लिए शहीदों के परिजनों की भावनाओं से ज्यादा हिमाचल प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के लिए पैसा जुटाना अहम है।
एजेंसी