'मुझे नहीं लगता भारत के बिना मैं आधा भी ब्रांड होता'
वेस्टइंडीज के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो का मानना है कि भारत ने उन्हें वह ब्रांड बनने का मौका दिया है, जो वह वर्तमान में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रशंसकों के प्यार के कारण देश उनके दिल के
वेस्टइंडीज के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो का मानना है कि भारत ने उन्हें वह ब्रांड बनने का मौका दिया है, जो वह वर्तमान में हैं। उन्होंने कहा कि भारत में प्रशंसकों के प्यार के कारण देश उनके दिल के बहुत करीब हो गया है।
ब्रावो अब अपने क्रिकेट करियर और संगीत के अलावा 'डीजेबी47 फैशन लेबल' के साथ एक नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं, जो भारत में अगले साल लॉन्च के साथ ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
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ब्रावो ने आईएएनएस के साथ एक विशेष बातचीत में कहा, 'यह मेरे लिए बहुत खास है। क्योंकि मुझे नहीं लगता कि मैं आज भारत के बिना आधा भी ब्रांड होता। यह एक सच्चाई है और मैं भारत का आभार जताना चाहता हूं। जो मेरे घर से बहुत दूर है। मुझे यहां के लोगों से जो प्यार मिला है। इसलिए निश्चित रूप से मेरे दिल के बहुत करीब है। यही कारण है कि जब मैं संगीत या क्रिकेट की बात करता हूं, तो उसमें हमेशा भारतीय उपस्थिति होती है।'
बायो-बबल में क्रिकेट खेलने के बारे में बात करते हुए ब्रावो ने अपनी चुनौतियों को स्वीकार किया, लेकिन साथ ही सकारात्मक पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
ब्रावो के अनुसार, 'मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से ऐसे क्षण आए हैं, जहां यह चुनौतीपूर्ण लगा है। मेरे कहने का मतलब है कि कोरोना महामारी में बहुत से लोगों ने अपनी नौकरी खो दी और कुछ लोगों ने अपनी जान गंवा दी। हम अभी भी दुनियाभर में अपने प्रशंसकों के लिए काम करने, खेलने, कमाने और मनोरंजन करने में सक्षम हैं। इसलिए, मैं हमेशा सकारात्मक पक्ष को देखता हूं। इस तरह में बायो-बबल से निपटता हूं।'
वहीं, 38 साल की उम्र वाले इस खिलाड़ी ने उम्मीद जताई है कि बायो-बबल जल्द ही खत्म हो जाएगा।
ब्रावो ने आईएएनएस को आगे बताया, 'खिलाड़ियों के रूप में उम्मीद करता हूं कि बायो-बबल जल्द ही समाप्त हो जाएगा, क्योंकि यह खिलाड़ियों पर भारी पड़ रहा है। आप देखते हैं कि बहुत सारे खिलाड़ी बायो-बबल के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो जाते हैं, क्योंकि यह मानसिक रूप से आप पर दबाव डालता है। मुझे लगता है कि क्रिकेट अधिकारियों को यह देखने की जरूरत है कि इससे कब तक बनाए रखेंगे। फिलहाल अधिकांश खिलाड़ी बायो-बबल में रहकर ही खेलेंगे।'
ब्रावो के मुताबिक, 'मैं हमेशा से फैशन में शामिल होना चाहता था, क्योंकि मैं ड्रेसिंग करना पसंद करता हूं। अब मेरा अपना ब्रांड है और अब लोग मेरे ब्रांड का सामान पहनना चाहते हैं तो इसलिए मैं सही दिशा में कदम उठा रहा हूं। उन्होंने आगे कहा कि मैं खुद को एक ऐसे ब्रांड के रूप में देखना चाहता हूं, जिससे लोग खुद को जोड़ना चाहे।'
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ब्रावो ने कहा, 'यह एक ट्रेंडी ब्रांड है, जो युवाओं, बच्चों और उनके माता-पिता को डीजे ब्रावो ब्रांड द्वारा बनाए गए कपड़े पहनने के लिए आकर्षित करेगा। उम्मीद है कि यह न केवल भारत में बल्कि ऑस्ट्रेलिया, यूके, कैरिबियन और यूएस जैसे स्थानों में विस्तारित होगा। यही मेरा अंतिम लक्ष्य है।'