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लियम प्लंकेट ने किया खुलासा,डेब्यू टेस्ट में शोएब अख्तर ने मुझे जान से मारने की धमकी दी थी 

लंदन, 23 जून| इंग्लैंड के तेज गेंदबाज लियम प्लंकेट ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की गेंदों का सामना किया था। प्लंकेट ने अख्तर का सामना करने के अपने 'भयावह' अनुभव का...

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Shoaib Akhtar
Shoaib Akhtar (Twitter)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Jun 23, 2020 • 09:36 AM

लंदन, 23 जून| इंग्लैंड के तेज गेंदबाज लियम प्लंकेट ने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की गेंदों का सामना किया था। प्लंकेट ने अख्तर का सामना करने के अपने 'भयावह' अनुभव का खुलासा किया है। प्लंकेट ने कहा है कि काउंटी क्रिकेट में अख्तर और वह डरहम के लिए खेलते थे। उन्होंने कहा टीम साथी होने के बावजूद अख्तर ने उन्हें डेब्यू टेस्ट मैच के दौरान धमकी दी थी।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
June 23, 2020 • 09:36 AM

प्लंकेट ने द ब्रोकन ट्रॉफी पॉडकास्ट के साथ साक्षात्कार में कहा, " भयावह। काउंटी क्रिकेट में मैं हार्मी के लिए स्लिप में था और शोएब के लिए लेग-स्लिप में। मैंने अपने पहले टेस्ट मैच में शोएब अख्तर का सामना किया क्योंकि मैंने इससे पहले डरहम में उनके साथ खेला था। मैं टेस्ट से पहले अपने रन-अप को चिह्न्ति कर रहा था और उन्होंने सिर्फ मुस्कुराते हुए कहा कि मैं तुम्हें मारने वाला हूं।"

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प्लंकेट 2005 में लाहौर में इंग्लैंड के तीसरे टेस्ट मैच की बात कर रहे थे, जोकि प्लंकेट का इंग्लैंड के पहला टेस्ट मैच था। प्लंकेट उस समय बल्लेबाजी करने के लिए मैदान पर आए थे जब मेहमान इंग्लैंड की टीम सात विकेट पर 249 रन बना चुकी थी।

प्लंकेट ने कहा, " मुझे याद है कि यह कल की तरह था क्योंकि मेरे पास मेरा बल्ला था। उस समय बल्ले काफी मोटे होते थे लेकिन यह कश्मीर विलो था। यह पतला था।"

उन्होंने कहा, " मैं बल्लेबाजी करने के लिए तैयार बैठा था। मैं खिलाड़ी के बगल में बैठा था जहां टीवी स्क्रीन थी। ऐसे में आप उसे 96, 97, 96 मीन प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद करते देख सकते हैं। एशले जाइल्स के स्टंप्स बिखर गए और फिर मैं एक ऐसे आदमी की गेंदबाजी का सामना करने जा रहा था, जो 90 मील प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहा था।"

प्लंकेट ने उस मैच में 51 गेंदों पर नौ रन बनाए थे। उन्होंने कहा, " मुझे याद है कि मैंने उनकी पहली गेंद अच्छे से खेली थी। लेकिन जैसे ही दूसरी गेंद मेरे कंधे पर लगी तब मुझे डर का अहसास हुआ और फिर मैं अपने आप को डर से संभाल नहीं पाया।"
 

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