जावेद मियांदाद ने PAK पीएम इमरान से कहा, मैं आपका कप्तान था और अब राजनीति में भी दखल दूंगा
कराची, 12 अगस्त | पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने अपने पूर्व साथी खिलाड़ी व पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनौती दी है कि वह पाकिस्तान के हित के खिलाफ जाने पर प्रधानमंत्री के हर...
कराची, 12 अगस्त | पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने अपने पूर्व साथी खिलाड़ी व पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री इमरान खान को चुनौती दी है कि वह पाकिस्तान के हित के खिलाफ जाने पर प्रधानमंत्री के हर फैसले का विरोध करेंगे।
मियांदाद ने इमरान खान पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि वह उन्हें खेल के मैदान ही नहीं, बल्कि राजनीति में भी चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि वह उनमें से एक हैं, जिन्होंने इमरान को देश का प्रधानमंत्री बनाया है। अपने यूट्यूब चैनल पर जावेद मियांदाद ने कहा कि वो इमरान खान के कप्तान थे। उन्होंने कहा कि वो राजनीति में शामिल होंगे और लोगों को बताएंगे कि वास्तविक राजनीति क्या होती है। उन्होंने कहा कि राजनीति में आने के बाद वो सच को सच कहेंगे।
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के कुप्रबंधन से परेशान पूर्व स्टार क्रिकेटर मियांदाद ने राष्ट्र के सामने कई मुद्दों पर इमरान को लताड़ा।
उन्होंने कहा, "कृपया हमारे क्रिकेट का प्रबंधन करने के लिए विदेश से लोगों को न लाएं। पाकिस्तान में लोगों के योग्य होने की तलाश करें। पाकिस्तान के लोगों पर विश्वास करें।"
जावेद मियांदाद ने पीसीबी चेयरमैन और वर्षों से लंदन में रहे एहसान मनी की ओर भी इशारा किया। मियांदाद बमिर्ंघम के पूर्व क्रिकेटर वसीम खान के काम से भी संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं। वसीम और एहसान दोनों ही प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी बताए जाते हैं।
मियांदाद ने कहा, "ये लोग (वसीम और एहसान) बाहरी हैं। मान लीजिए कि वे यहां किसी गलत काम में लिप्त हैं और बाद में पाकिस्तान से भाग जाते हैं, तो उनके कृत्य के लिए कौन जिम्मेदार होगा।"
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान इमरान खान की कार्यशैली से भी खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा, "तुम खुदा बनकर बैठे हो। तुम्हें लगता है कि तुम्हारे अलावा यहां किसी को कुछ नहीं पता नहीं, क्योंकि आप (इमरान खान) को लगता है कि पाकिस्तान से कोई अन्य व्यक्ति कैम्ब्रिज या ऑक्सफोर्ड नहीं गया। वास्तव में आपको नहीं पता कि पाकिस्तान में क्या हो रहा है। दरअसल आपको इसका कोई अंदाजा नहीं है कि पाकिस्तान में क्या हो रहा है। आप केवल ऐसे लोगों (विदेशों से) पर भरोसा कर रहे हैं, जिनके इरादे बुरे हैं। आप नहीं जानते कि वह (वसीम और एहसान मनी) किस प्रकार के लोग हैं।"
पिछले संघीय चुनावों के समर्थन के लिए इमरान खान को कराची में अपने घर आने की याद दिलाते हुए, जावेद मियांदाद ने कहा, "वह (इमरान) चुनाव की पूर्व संध्या पर मेरे घर आए थे। मैंने उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन दिया। मुझे उनका समर्थन किया। उन्हें यह महसूस करना चाहिए। इमरान इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि मैंने उनका समर्थन किया। लेकिन वह पाकिस्तान के लोगों के लिए अपना वादा पूरा करने में विफल रहे। इसलिए अब से मैं राजनीतिक मुद्दों पर भी बोलूंगा। मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैं पाकिस्तान की बेहतरी के लिए बोलूंगा।"
यही नहीं मियांदाद इंग्लैंड के खिलाफ पाकिस्तान द्वारा पहला टेस्ट मैच हारने पर भी निराश दिखे। पाकिस्तान की हार के लिए उन्होंने पीसीबी में चल रही गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा, "चाहे वह क्रिकेट हो या हॉकी, खेल को चलाने के लिए बाहर से लोगों को लाने की आवश्यकता नहीं है। हमारे पास पाकिस्तान में पर्याप्त लोग हैं और उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए। इसलिए अब अगर कोई पाकिस्तानी को अनदेखा करता है और किसी बाहरी व्यक्ति को वरीयता देता है तो ऐसे एक कदम को राष्ट्र-विरोधी माना जाएगा।"
मियांदाद ने एहसान मनी और वसीम खान का समर्थन करने के लिए इमरान खान पर चुटकी ली। वहीं पाकिस्तानी मीडिया ने भी इमरान खान की कार्यशैली पर जावेद मियांदाद की उग्र टिप्पणी को प्रमुखता से दिखाया है। अब प्रधानमंत्री कार्यालय को इस मुद्दे पर जवाब देना है, जो पाकिस्तान की सड़कों पर एक चर्चा का विषय बन गया है।