IND vs AUS: वो 4 बड़ी गलतियां जिसके कारण भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों गंवानी पड़ी वनडे सीरीज
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों सिडनी के मैदान पर हुए तीन वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में 51 रनों से हार मिली। इस हार के साथ अब मेजबान टीम ने सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाते हुए
भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया के हाथों सिडनी के मैदान पर हुए तीन वनडे मैचों की सीरीज के दूसरे मुकाबले में 51 रनों से हार मिली। इस हार के साथ अब मेजबान टीम ने सीरीज में 2-0 की बढ़त बनाते हुए यह सीरीज अपने नाम कर लिया है।
दोनों ही मैचों में भारत के लिए कुछ भी अच्छा नहीं रहा और कहीं ना कहीं टीम में कुछ बड़े और प्रभावी खिलाड़ियों के ना होने से फर्क जरूर पड़ा है।
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आज हम एक नजर डालेंगे उन चार बड़े कारणों पर जिसके कारण भारतीय टीम लगातार दो मैचों में फिसड्डी साबित हुई और उन्हें सीरीज गंवानी पड़ी।
1) पॉवरप्ले में विकेट ना मिलना
दोनों ही मैचों में भारत के गेंदबाज ऑस्ट्रलियाई ओपनर एरॉन फिंच और डेविड वॉर्नर के सामने एकदम बेबस नजर आए। सिडनी के मैदान पर दोनों ही मुकाबले खेले गए जहां दूसरे मुकाबले में फिंच और वॉर्नर के बीच 142 रनों की साझेदारी हुई तो वहीं पहले मैच में दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 156 रन जोड़े थे। भारतीय टीम को अभी भुवनेश्वर कुमार की कमी काफी खल रही है और कहीं ना कहीं एक परिपक्व स्विंग गेंदबाज का ना होना भारत के लिए महंगा पड़ रहा है।
2) खराब फील्डिंग
भारतीय टीम अपनी चुस्त फील्डिंग के लिए पूरे क्रिकेट वर्ल्ड में मशहूर है लेकिन पिछले दो मैचों में मैदान पर फील्डिंग के दौरान काफी गलतियां हुई है। दूसरे वनडे मुकाबले में हार्दिक पांड्या की गेंद पर रविंद्र जडेजा ने मार्न्स लाबुशेन का एक आसान कैच छोड़ा। इसके अलावा उन्होंने कई ऐसी छोटी-मोटी गलतियां की जब उनके पास से गेंद गुजर गई और वो पकड़ नहीं सके। इसके अलावा टीम के पास शुरुआत के ओवरों में डेविड वॉर्नर को भी रन आउट करने का अच्छा मौका था लेकिन खराब थ्रो के कारण विकेटकीपर केएल राहुल सही समय पर गिल्लियां नहीं बिखेर पाए और ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाज बाल-बाल बचे। इसके अलावा पहले मुकाबले में भी कप्तान कोहली के हाथों से कुछ गेंद छिटक गई थी।
3) बल्लेबाजों का टिककर ना खेलना
पहले मुकाबले में जब भारत ऑस्ट्रेलिया के दिये गए 375 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहा था तब टीम के ओपनिंग बल्लेबाज मयंक अग्रवाल और शिखर धवन ने टीम को एक तेज तर्रार शुरुआत दिलाई और पांच ओवरों में ही 50 रन के आंकड़े को छू दिया। लेकिन 18 गेंद में 22 रन बनाने के बाद मयंक अपना विकेट गवां बैठे। इसके अलावा कप्तान विराट कोहली ने भी बल्लेबाजी में अच्छा आगाज करते हुए 21 रन बना लिए थे लेकिन वो संभाल कर नहीं खेल पाए और जोश हेजलवुड की गेंद पर फिंच को कैच दे बैठे।
दूसरे वनडे मुकाबले में भी भारतीय टीम की कहानी पहले मैच की तरह ही रही। धवन और मयंक अग्रवाल ने टीम को एक तेज 50 रनों की शुरुआत दिलाई लेकिन बाद में दोनों टिककर नहीं खेल सके और मयंक अग्रवाल 26 गेंदों में 28 रन बनाकर तथा धवन 23 गेंदों में 30 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। मिडिल ऑर्डर में युवा श्रेयस अय्यर को भी एक बढ़िया शुरुआत मिली लेकिन वो अपनी पारी को लंबा नहीं खींच सके और 36 गेंदों में 38 रन बनाकर पवेलियन लौट गए।
4) डेथ-ओवरों में लचर गेंदबाजी
दूसरे वनडे मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने आखिरी के 20 ओवरों में 205 रन खर्च किए तो वहीं आखिर के 5 ओवरों में ऑस्ट्रलियाई बल्लेबाजों ने भारत के सामने कुल 63 रन बटोरें। बुमराह और मोहम्मद शमी जैसे गेंदबाज होने के बावजूद भारतीय गेंदबाज जमकर रन लुटा रहे थे। एक वक्त पर भारत के गेंदबाजों ने नियमित अंतराल पर फिंच और वॉर्नर का विकेट निकाला लेकिन जब उन्हें नए बल्लेबाजों पर दबाव बनाने चाहिए थे तब वो चूंक गए और फिर स्मिथ और लाबुशेन ने इसका फायदा उठाते हुए मैदान की की हर दिशा में शॉट लगाया। अंत के ओवरों में भी मैक्सवेल ने भारतीय गेंदबाजी के सामने तेजी से रन बटोरें।
सिडनी के ही मैदान पर हुए पहले मुकाबले में भी आखिरी के 10 ओवरों में ऑस्ट्रालिया ने कुल 110 रन बटोरें थे और भारतीय गेंदबाज स्टीव स्मिथ और ग्लेन मैक्सवेल के सामने बिल्कुल हताश नजर आए।