अंडर-19 क्रिकेट में भारत ने इंग्लैंड को हराकर बनाया ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड जो केवल तीसरी बार हुआ
मुंबई, 6 फरवरी| शुभम गिल (160) और पृथ्वी शॉ (105) की दमदार बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत भारतीय अंडर-19 टीम ने सोमवार को इंग्लैंड अंडर-19 टीम को 230 रनों से करारी मात दे दी। इसी के
मुंबई, 6 फरवरी| शुभम गिल (160) और पृथ्वी शॉ (105) की दमदार बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजों के उम्दा प्रदर्शन की बदौलत भारतीय अंडर-19 टीम ने सोमवार को इंग्लैंड अंडर-19 टीम को 230 रनों से करारी मात दे दी। इसी के साथ भारत ने पांच एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में 3-1 की अजेय बढ़त ले ली है।
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इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला लिया, लेकिन उसका यह फैसला गलत साबित हुआ। भारतीय बल्लेबाजों ने निर्धारित 50 ओवरों में नौ विकेट खोकर 382 रनों का बेहद चुनौतीपूर्ण स्कोर खड़ा कर दिया। इंग्लैंड की टीम इस विशाल लक्ष्य के आगे 37.4 ओवरों में 152 रन बनाने में ढेर हो गई। भारतीय गेंदबाजों शुरू से कसी हुई गेंदबाजी की और मेहमानों को विकेट पर टिकने नहीं दिया। तेज गेंदबाज कमलेश नागरकोटी, विवेकानंद तिवारी और शिवम मावी ने नियमित अंतराल पर विकेट चटकाए और भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई।
इंग्लैंड के सिर्फ तीन बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा छू सके। ओइले पोप (59) इंग्लैंड के सर्वोच्च स्कोरर रहे। उनके अलाव विल जैक्स ने 44 रन बनाए। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को गिल और कप्तान हिमांशु राणा (33) ने मजबूत शुरुआत देते हुए पहले विकेट के लिए 83 रन जोड़े। राणा को लियाम पेटरसन व्हाइट ने पवेलियन भेजा।
कप्तान की जगह आए शॉ ने गिल का बेहतरीन साथ दिया और तेजी से रन बटोरे। दोनों ने मेहमान गेंदबाजों की जमकर धुनाई की और दूसरे विकेट के लिए 231 रनों की साझेदारी की। शॉ और गिल की यह साझेदारी 27.1 ओवरों तक मैदान पर जमी रही और 8.50 की औसत से रन बटोरे। गिल ने 120 गेंदों की अपनी पारी में 23 चौके और एक छक्का लगाया। वहीं शॉ ने अपनी शतकीय पारी में 89 गेंदों का सामना करते हुए 12 चौके और दो छक्के लगाए।
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अंडर 19 क्रिकेट में यह रनों के हिसाब से तीसरी सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले श्रीलंका ने जिम्बाब्वे को साल 2017 में 240 रन से हराया तो वहीं भारत ने इंग्लैंड को साल 2006 में 234 रन से हराया था।
इस साझेदारी का अंत 43वें ओवर में हुआ जब गिल पदार्पण मैच खेल रहे आर्थर गोडसाल की गेंद पर होल्डन के हाथों लपके गए। गिल जब आउट हुए तब टीम का स्कोर 314 रन था। ठीक एक रन बाद डेलरे रॉवलिंस ने अगले ओवर में शॉ की पारी का अंत किया। इस साझेदारी के टूटने के बाद भारतीय बल्लेबाज तेजी से रन बनाने की कोशिश में आउट होते चले गए।
विशाल लक्ष्य का पीछा करने उतरी इंग्लैंड को मावी ने दूसरे ओवर में ही पहला झटका दिया। उन्होंने हैरी ब्रूक को खाता भी नहीं खोलने दिया और पवेलियन की राह दिखाई। ब्रूक छह के कुल स्कोर पर आउट हुए। इंग्लैंड की परेशानी यहां खत्म नहीं हुई। उसने अपने पांच विकेट 75 रनों पर ही गंवा दिए। इसके बाद पोप और जैक्स ने छठे विकेट के लिए 48 रनों की साझेदारी कर टीम को बचाने की कोशिश की लेकिन नागारकोटी ने पोप और तिवारी ने जैक्स को आउट कर इंग्लैंड की बची हुई उम्मीदों को खत्म कर दिया। चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में आईसीसी ने किया हैरान करने वाला बदलाव