Advertisement

पूर्व क्रिकेटर मदन लाल बोले,भारत-पाकिस्तान सीरीज पर फैसला सरकार को लेना है शोएब अख्तर को नहीं

नई दिल्ली, 10 अप्रैल| भारत के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने गुरुवार को शोएब अख्तर के कोविड-19 के लिए फंड जुटाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की सीरीज के प्रस्ताव को मना कर दिया है और

Advertisement
Madan Lal
Madan Lal (IANS)
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Apr 10, 2020 • 12:59 PM

नई दिल्ली, 10 अप्रैल| भारत के पूर्व खिलाड़ी मदन लाल ने गुरुवार को शोएब अख्तर के कोविड-19 के लिए फंड जुटाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच तीन मैचों की सीरीज के प्रस्ताव को मना कर दिया है और कहा है कि यह फैसला सरकार को लेना है, अख्तर को नहीं।

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
April 10, 2020 • 12:59 PM

मदन लाल ने आईएएनएस से कहा, "दोनों देशों के बीच सीरीज हो यह फैसला सरकार को लेना है अख्तर को नहीं। यह फैसला दोनों देशों की सरकार को लेना है। वही इस तरह के फैसले लेते हैं।"

Trending

उन्होंने कहा, "इससे पहले भी, यह भारतीय सरकार पर निर्भर था वो भी तब जब बीसीसीआई तय करे कि उसे खेलना है या नहीं।"

अख्तर ने कहा है कि इस समय भारत और पाकिस्तान बिना दर्शकों के तीन मैचों की वनडे या टी-20 सीरीज खेल सकते हैं जो लाखों रुपये का फंड इकट्ठा करेगी जिसे दोनों देशों के हित में उपयोग में लिया जा सकता है।

दोनों देशों ने लंबे समय से द्वीपक्षीय सीरीज नहीं खेली है। यह सिर्फ आईसीसी टूर्नामेंट्स में ही सामने आते हैं।

अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "मैं चाहता हूं कि भारत और पाकिस्तान एक सीरीज खेलें। मैं चाहता हूं कि यह बिना दर्शकों के हो। इसका सिर्फ प्रसारण हो और इस तरह तीन वनडे या टी-20 खेले जा सकते हैं। मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि यह बुरा विचार कैसे है।"

उन्होंने कहा, "खिलाड़ी जांच कराने के बाद खेल सकते हैं। अगर यह सीरीज होती है तो जरा सोचिए, कितने लोग इसे टीवी पर देखेंगे, कितना फंड आएगा। पहली बार किसी की हार नहीं होगी। सोचिए भारत जीतता है, लेकिन फंड पाकिस्तान में भी जाएगा।"

मदन लाल ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि यह विचार भविष्य में भी काम कर पाएगा या नहीं।

मदन लाल ने कहा, "अभी, हम लोग कोरोनावायरस से लड़ रहे हैं। यह कुछ महीनों में तो होने वाला नहीं है। एक बार कोरोनावायरस चला जाए इसके बाद सरकार फैसला लेगी कि पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है या नहीं। इस तरह का फैसला लेने के लिए बाकी कई चीजों पर ध्यान देना होता है।" 
 

Advertisement

Advertisement