अपने ही मुल्क के क्रिकेट बोर्ड से नाराज हुए जेसन गिलेस्पी, बोले- 'पाकिस्तान की वनडे सीरीज का कोई प्रमोशन ही नहीं किया'
ऑस्ट्रेलिया के हेड कोच जेसन गिलेस्पी ने अपने ही मुल्क के क्रिकेट बोर्ड पर सवाल उठाए हैं। गिलेस्पी ने कहा है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज का कोई प्रमोशन ही नहीं किया।
पाकिस्तान के अंतरिम व्हाइट-बॉल कोच जेसन गिलेस्पी अपने ही मुल्क के क्रिकेट बोर्ड से खफा हैं। गिलेस्पी को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से इस बात का ग़िला है कि उन्होंने पाकिस्तान के साथ हाल ही में संपंन्न हुई वनडे सीरीज के प्रचार को नजरअंदाज किया। इसके साथ ही गिलेस्पी का मानना है कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की प्राथमिकता भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज को बढ़ावा देना है, इसीलिए पाकिस्तान की सीरीज को हल्के में लिया गया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने के लिए तैयार है और इसी सीरीज के चलते, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे के लिए अपने स्टार खिलाड़ियों को आराम देने का फैसला किया ताकि वो रेड-बॉल क्रिकेट के लिए तरोताजा हो सकें। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का ये फैसला उन पर भारी पड़ गया और वो सीरीज 2-1 से हार गए।
Trending
सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड से बात करते हुए, 49 वर्षीय गिलेस्पी ने दावा किया कि फॉक्स क्रिकेट आमतौर पर प्रोमो बनाने में बहुत अच्छा काम करता है और पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज के लिए प्रोमो नहीं बनाने पर उन्हें काफी हैरानी हुई। उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैंने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा हमारी वनडे सीरीज का कोई प्रचार नहीं देखा, जो थोड़ा आश्चर्यजनक था। ये बहुत स्पष्ट है कि वो भारत के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज को प्राथमिकता दे रहे हैं, क्योंकि मैंने इस सीरीज का कोई प्रचार नहीं देखा।"
Also Read: Funding To Save Test Cricket
आगे बोलते हुए गिलेस्पी ने कहा, "फॉक्स ने प्रचार करने में बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन ये हमारे लिए बहुत स्पष्ट था कि सीए की प्राथमिकताएं कहां हैं। ये उनका विशेषाधिकार और उनका निर्णय है, लेकिन मैंने इस वनडे सीरीज का कोई विज्ञापन और प्रचार नहीं देखा। सच्चाई ये है कि ये भुगतान के पीछे भी था, शायद विज्ञापन की मात्रा और सीरीज में रुचि सीमित थी। प्रशासकों के लिए सभी क्रिकेट को शेड्यूल करना वास्तव में कठिन है। लेकिन पाकिस्तान के दृष्टिकोण से ऐसा लगा है कि चयन और सीरीज के प्रचार के आधार पर उनकी प्राथमिकताएं भारत रही हैं। हर कोई ये देख सकता है, ये बहुत स्पष्ट है।"