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साल 1986 में जावेद मियांदाद ने दिए थे जख्म, आज भी याद करके नहीं सो पाते हैं कपिल देव

1986 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक मुकाबला खेला गया था जिसमें भारत को आखिरी गेंद पर हार का सामना करना पड़ा था। इस मैच को याद करके आज भी कपिल देव सो नहीं पाते हैं।

Nishant Rawat
By Nishant Rawat August 23, 2022 • 14:44 PM
Cricket Image for साल 1986 में जावेद मियांदाद ने दिए थे जख्म, आज भी याद करके नहीं सो पाते हैं कपिल द
Cricket Image for साल 1986 में जावेद मियांदाद ने दिए थे जख्म, आज भी याद करके नहीं सो पाते हैं कपिल द (Javed Miandad and Kapil Dev)
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एशिया कप का आगाज होने में कुछ दिनों का समय बचा है। इस टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान के बीच हाई-वोल्टेज मुकाबला 28 अगस्त रविवार को खेला जाएगा जिसका सभी फैंस को बेसब्री से इंतजार है। इस मुकाबले से पहले कई ऐसे किस्से सामने आए है जिनसे क्रिकेट फैंस अंजान थे और अब भारतीय टीम के पूर्व वर्ल्ड कप विनिंग कप्तान कपिल देव ने भी अपने करियर से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा साझा किया है जिसके कारण आज भी वह रातों में सो नहीं पाते।

जी हां, यह किस्सा सन 1986 से जुड़ा है। ऑस्ट्रल-एशिया कप का फाइनल शाहजाह में खेला जा रहा था। भारत और पाकिस्तान की टीम आमने-सामने थी। पाकिस्तान ने टॉस जीतकर फील्डिंग करने का फैसला किया था, जिसके बाद भारत ने सुनील गावस्कर(92) और श्रीकांत(75) की शानदार पारियों के दम पर 245 रन बनाए थे।

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पाकिस्तान को बडे़ मुकाबले में 246 रन चेज करने थे। एक तरफ से विकेट गिर रहे थे, लेकिन दूसरी तरफ से जावेद मियांदाद रन बरसा रहे थे। पाकिस्तान के स्टार खिलाड़ी ने उस मैच में 116 रन जड़े थे। टीम को आखिरी ओवर से 11 रनों की दरकार थी। भारत के लिए चेतन शर्मा गेंदबाज़ी करने आए। चेतन अब तक 2 विकेट अपने नाम कर चुके थे।

चेतन शर्मा ने अपने ओवर की पहली गेंद फेंकी। जावेद ने जोरदार शॉट जड़ा और दो रन की कॉल देकर दौड़ पड़े। नॉन स्ट्राइकर की तरफ वसीम अकरम भाग रहे थे, लेकिन वह समय पर क्रीज तक नहीं पहुंच सके और रन आउट होकर अपना विकेट गंवा बैठे। अब पाकिस्तान को 5 गेंदों पर 10 रन की जरूरत थी।

चेतन शर्मा ने ओवर की दूसरी गेंद डाली जिसपर वेल सेट जावेद ने बल्ला घुमाया और चौका जड़ दिया। अगली गेंद यानि तीसरी गेंद पर भी जावेद ने जोरदार शॉट खेला, लेकिन इस बार फील्डर ने गेंद को बाउंड्री पार नहीं जाने दिया और मियांदाद अब नॉन स्ट्राइकर पर पहुंच गए। जुल्करनैन स्ट्राइक पर थे और चेतन शर्मा ने मौके का भरपूर फायदा उठाया। ओवर की चौथी गेंद पर चेतन ने नए बल्लेबाज़ को क्लीन बोल्ड किया।

पाकिस्तान को आखिरी दो गेंदों पर 5 रन बचाने थे और जावेद मियांदाद अभी भी नॉन स्ट्राइकर पर खड़े थे। तोसिफ अहमद पर मियांदाद को कैसे भी करके आखिरी गेंद के लिए स्ट्राइक देने की बड़ी जिम्मेदारी थी। गेंदबाज़ ने मैदान पर गेंद पटकी जिस पर तोसिफ ने बॉल को टहलाया और एक रन लेकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर दी। अब रोमांचक मुकाबले की आखिरी गेंद पर पाकिस्तान को जीत के लिए 4 रन चाहिए थे। चेतन शर्मा को निर्देश मिला सिर्फ ओर सिर्फ लो-फुलटॉस डालनी है। चेतन शर्मा पर प्रेशर था, लेकिन उन्होंने प्लान के अनुसार सटीक लो- यॉर्कर फेकी। इसके जवाब में जावेद मियांजाज ने अपना पिछला पैर नीचे रखा और बॉल को कनेक्ट करते हुए उसे मैदान के बाहर छक्के का रास्ता दिखा दिया। यह छक्का था और भारत मैच हार चुका था।

अब इस घटना को याद करते हुए कपिल देव ने दुनिया के सामने अपना दर्द बयां किया है। उन्होंने कहा, 'मैं आज भी यही मानता हूं कि चेतन की गलती नहीं थी। आखिरी गेंद पर चार रन चाहिए थे, मैंने उससे कहा लो-फुलटॉस मारना ही मारना है। उसने कोशिश की और यॉर्कर मारा, लेकिन वो दिन जावेद का था उसने अपना पैर नीचे रखा, गेंद कनेक्ट की और छक्का जड़ दिया। मुझे आज भी जब उसकी याद आती है मैं सो नहीं पाता हूं। उस मैच के बाद टीम का अगले चार साल के कॉफिडेंस टूट गया था।'  


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