भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कई सवालों के जवाब दिए। कुछ महीने पहले केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से ईशान किशन और श्रेयस अय्यर को बाहर कर दिया गया था और अब जय शाह ने इस सवाल का भी जवाब दिया है। शाह ने ये बताया है कि ये उनका फैसला नहीं बल्कि चयन समिति के अध्यक्ष अजीत अगरकर का फैसला था और उनके कहने पर ही ये फैसला लिया गया।
बीसीसीआई के आदेश के बावजूद घरेलू टूर्नामेंट्स में शामिल नहीं होने के कारण किशन और अय्यर को बीससीीआई के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट्स से बाहर कर दिया गया। किशन ने पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के बाद एक लंबा ब्रेक लिया और आईपीएल तक अनुपलब्ध रहे। वहीं, अय्यर ने मुंबई के लिए कुछ रणजी ट्रॉफी मैच खेले, जिनमें सेमीफाइनल और फाइनल शामिल थे। हालांकि, जब ये पता चला कि उन्होंने मुंबई में केकेआर शिविर में उस समय भाग लिया था, जब उनकी घरेलू टीम रणजी ट्रॉफी मैच खेल रही थी, तो अय्यर को परेशानी का सामना करना पड़ा।
अब जय शाह ने गुरुवार को बीसीसीआई मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "आप संविधान की जांच कर सकते हैं। मैं सिर्फ (चयन बैठक का) संयोजक हूं। ये निर्णय अजीत अगरकर का है, भले ही ये दो खिलाड़ी (ईशान किशन और श्रेयस अय्यर) जो घरेलू क्रिकेट नहीं खेलते थे, उन्हें (केंद्रीय अनुबंध सूची से) बाहर करने का निर्णय केवल उनका था। मेरी भूमिका सिर्फ इतनी है कि मैंने इसे लागू किया और हमें संजू (सैमसन) जैसे नए खिलाड़ी भी मिल गए हैं, कोई भी अपरिहार्य नहीं है।"