31 साल के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन कर अपनी टीम को खिताब जितवा दिया है। सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट ने ना केवल अपनी गेंदबाजी से छाप छोड़ी बल्कि कप्तानी में भी उनका प्रदर्शन जानदार रहा। जयदेव उनादकट 10 मैचों में 19 विकेट झटककर टॉप के गेंदबाज रहे। ऐसा पहली बार नहीं है कि जयदेव उनादकट ने घरेलू टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर सबका ध्यान खींचा हो। इससे पहले भी जयदेव उनादकट घरेलू क्रिकेट में दमदार परफॉर्मेंस दे चुके हैं।
जयदेव उनादकट को शानदार प्रदर्शन के बावजूद कभी भी टीम इंडिया में उतने मौके नहीं मिले जितना वो हकदार थे। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि घरेलू क्रिकेट में इतना ज्यादा सफल गेंदबाज जयदेव उनादकट ने भारत के लिए केवल 1 टेस्ट, 7 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं।
जयदेव उनादकट ने कई बार इसी तरह की परफॉर्मेंस से टीम इंडिया का दरवाजा खटखटाया लेकिन उनकी परफॉर्मेंस को दरकिनार कर उन्हें इग्नोर ही किया जा रहा है। बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज करसन घावरी, जो सौराष्ट्र के कोच रह चुके हैं उन्होंने कहा था, 'मैंने चयनकर्ता से पूछा था कि अगर कोई गेंदबाज 60 से अधिक विकेट लेता है और अपनी टीम को रणजी ट्रॉफी के फाइनल में अकेले के दम पर ले जाता है, तो क्या उसे कम से कम भारत ए के लिए नहीं चुना जाना चाहिए?'
Winning moment for captain "Jaydev Unadkat"
— Varun Giri (@Varungiri0) December 2, 2022
He led the team from front.
His performance in #VijayHazareTrohy2022
10-1-25-1 (Final)
10-2-26-4 (SF)
10-0-61-0 (QF)
9.4-2-35-2 vs UP
9.1-3-21-3 vs TRI
9-2-23-5 vs HP
8-1-16-2 vs GUJ
10-2-46-0 vs HYD
6-1-15-0 vs MNP
10-2-38-1 vs CDG pic.twitter.com/3NHiN0cPZJ