कहानी Ruturaj Gaikwad की, हाथ तुड़वाकर कैसे बने चैंपियन
रुतुराज गायकवाड़ ने विजय हजारे ट्रॉफी में 10 मैचों में 8 शतक लगाने के साथ 180.42 के औसत से 1,263 रन बनाए हैं। रुतुराज गायकवाड़ के बारे में दिलचस्प जानकारी।
रुतुराज गायकवाड़ सुर्खियों में हैं। 31 जनवरी 1997 को पुणे में जन्में इस खिलाड़ी ने घरेलू वनडे टूर्नामेंट विजय हजारे ट्रॉफी में रनों का अंबार लगाया हुआ है। रुतुराज गायकवाड़ ने 8 शतक के साथ 180.42 के औसत से 1,263 रन बनाए हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपके साथ शेयर करेंगे रुतुराज गायकवाड़ से जुड़ी वो दिलचस्प जानकारी जिसे बेहद कम लोग जानते हैं।
रुतुराज गायकवाड़ ना केवल क्रिकेट बल्कि लॉन टेनिस के भी मंझे हुए खिलाड़ी हैं। रुतुराज गायकवाड़ क्रिकेट के साथ-साथ टेनिस की भी ट्रेनिंग लिया करते थे। 6 साल की उम्र में ही रुतुराज गायकवाड़ ने क्रिकेटर बनने का ख्वाब देखा था। दरअसल, उनके पिता उन्हें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का मैच दिखवाने स्टेडियम ले गए थे जहां ब्रेंडन मैक्कुलम की विस्फोटक बल्लेबाजी ने उन्हें मंत्रमुग्ध कर दिया।
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अक्टूबर 2016 में रुतुराज गायकवाड़ को झारखंड के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेलना था। उस वक्त धोनी बतौर मेंटोर झारखंड टीम के साथ जुड़े थे। रुतुराज गायकवाड़ इस मैच में धोनी को इम्प्रेस करना चाहते थे लेकिन मैच खेलने वाले दिन ही उनके हाथ में चोट लगी और उनकी उंगली फ्रैक्चर हो गई। इस घटना के बाद रुतुराज गायकवाड़ काफी निराश थे।
निराश बैठे रुतुराज गायकवाड़ के प्लास्टर पर ऑटोग्राफ देते हुए धोनी ने उस वक्त उनसे कहा था कि एक खिलाड़ी के तौर पर पूरे करियर के दौरान तुम्हें इस तरह की चोट लगती ही रहेंगी। लेकिन, अगर खेलने का जज्बा वो दिल में रखेंगे तो ऐसी चोट को झेलना उनके लिए आसान हो जाएगा। धोनी की इस सीख को रुतुराज गायकवाड़ ने अपने दिल में बसा ली थी।
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महाराष्ट्र के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले रुतुराज गायकवाड़ की पंसदीदा आईपीएल टीम मुंबई इंडियंस हैं। रुतुराज गायकवाड़ का सपना मुंबई से ही आईपीएल खेलने का था वहीं उन्होंने बीते दिनों एक इंटरव्यू के दौरान अपना पसंदीदा क्रिकेटर रोहित शर्मा को बताया था।