जस्टिन लैंगर ने जीता दिल, मुंबई की झुग्गी में रहने वाले साथी के घर किया डिनर
लखनऊ सुपरजायंट्स के हेड कोच जस्टिन लैंगर ने एक ऐसा काम किया जिसके चलते उनकी काफी तारीफ हो रही है। लैंगर ने अपनी टीम के साथी के घर पर जाकर डिनर किया और अपना अनुभव साझा किया।
लखनऊ सुपरजायंट्स (एलएसजी) के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर आईपीएल 2024 खत्म होने के बाद चर्चा में हैं। लैंगर ने कुछ ऐसा किया है जिसके चलते उनकी काफी तारीफ हो रही है। उन्होंने खुलासा किया है कि इंडियन प्रीमियर लीग में टीम के अंतिम मैच के दौरान उन्होंने मुंबई की झुग्गियों का दौरा किया था। लैंगर को उनकी टीम के साथी ने घर पर डिनर के लिए आमंत्रित किया था जिसके बाद लैंगर उनके घर गए थे और अब उन्होंने अपने अनुभव के बारे में लिखा है।
लैंगर ने द नाइटली में एक कॉलम में खुलासा किया है कि उन्होंने एलएसजी के मसाज थेरेपिस्ट राजेश चंद्रशेखर (आरसी) के घर का दौरा किया। लैंगर ने अपने कॉलम में चंद्रशेखर और उनके परिवार के प्रति सम्मान का भाव बनाए रखा और कहा कि वो इस बात से चकित थे कि परिवार ने आर्थिक रूप से अच्छी स्थिति में न होने के बावजूद उन्हें कितना प्यार दिखाया। लैंगर ने मसाज थेरेपिस्ट की कहानी के बारे में बताते हुए कहा कि चंद्रशेखर एक मेहनती व्यक्ति हैं।
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लैंगर ने अपने कॉलम में लिखा, "आरसी ने मुझे बताया कि वो मुंबई की झुग्गियों में रहता था और उसने स्थानीय फुटबॉल (सॉकर) टीम के लिए मसाजर के रूप में भी काम किया था। वहां से एक बात दूसरी बात की ओर ले गई और इस तरह अब हमारी राहें मिल गईं। हमारे खाने के दौरान, आर.सी. ने हमारी बातचीत का अनुवाद किया और उनका परिवार मुस्कुराया, हंसा और हमें बहुत स्वागत महसूस कराया। हमें अपने घर में पाकर उनका गर्व स्पष्ट था। वे सभी छह लोग साफ-सुथरे कपड़े पहने हुए थे और जब फ़ोटो लेने का समय आया तो आर.सी. के माता-पिता ने हमें गले लगाया और हमें वैसा ही प्यार महसूस कराया जैसा हम अपने परिवार के साथ महसूस करते हैं।"
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जस्टिन लैंगर ने अपनी छोटी यात्रा से मिली सीखों को सारांशित करते हुए कहा, "एक ऐसी ज़िंदगी जीने के बाद जिसे मैं अब अत्यधिक विलासिता के रूप में परिभाषित करूंगा, मैं पहले कभी नहीं देखे गए इस अनुभव से अभिभूत था कि दूसरे इंसान कैसे अपना दैनिक जीवन जीते हैं। आरसी के घर की हमारी यात्रा के बारे में जो बात मुझे प्रभावित करती है, वो ये है कि हालांकि उनके पास कुछ भी नहीं था, लेकिन उनके पास वो सब कुछ था जो उन्हें वास्तव में खुश रहने के लिए चाहिए था। परिवार और दोस्त - मुझे सरल कहें - लेकिन ये सभी अन्य चीजों की परवाह किए बिना खुशी के लिए काफी हद तक उपाय हैं।"