वित्तीय फैसले लेने पर बीसीसीआई को लोढ़ा समिति की चेतावनी
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से उसके विभिन्न सदस्यों को भारी मात्रा में धन के भुगतान के मामले पर निराशा जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त आर.एम.लोढ़ा समिति ने सोमवार को इसे 'अवैध'
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर | भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की ओर से उसके विभिन्न सदस्यों को भारी मात्रा में धन के भुगतान के मामले पर निराशा जताते हुए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त आर.एम.लोढ़ा समिति ने सोमवार को इसे 'अवैध' करार दिया। बीसीसीआई ने पिछले शुक्रवार को अपनी विशेष आम बैठक (एसजीएम) में लोढ़ा समिति के निर्देशो के खिलाफ अपने सदस्यीय संघों के लिए धन का भुगतान किया।
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लोढ़ा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायण ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हाल ही में समिति के ध्यान में आया है कि 30 सितम्बर को हुई बीसीसीआई की एसजीएम में बोर्ड के सदस्यीय संघों को भारी मात्रा में धन वितरित करने से संबंधित फैसले लिए गए।"
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गोपाल ने कहा, "आप इस बात से परिचित हैं कि समिति के 31 अगस्त को जारी निर्देश में साफ बताया गया था कि नियमित मामलों के अलावा बीसीसीआई कोई अन्य फैसला नहीं लेगा। इस प्रकार संघों को धन वितरित करना बोर्ड के नियमित फैसलों में नहीं आता।"
बीसीसीआई के सचिव अजय शिर्के, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी और यस बैंक के राणा कपूर को संबोधित एक पत्र में बोर्ड के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के उल्लंघन के बारे में भी बताया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया, "आप यह भी जानते हैं कि बीसीसीआई ने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का भी उल्लंघन किया है और साथ ही समिति की ओर से दिए गए समय पर काम पूरा नहीं किया।"
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बीसीसीआई ने अदालत की ओर से लोढ़ा समिति के सुझावों को लागू करने के लिए दिए गए 30 सितम्बर तक के समय के आदेश को भी पूरा नहीं किया। समिति ने बोर्ड को भविष्य में वित्तीय संबंधी मामलों में फैसले न लेने की चेतावनी दी है। ऐसा करने पर बोर्ड बड़ी समस्या में फंस सकता है।