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लोढ़ा समिति ने वित्तीय गड़बड़ियों पर बोर्ड को दिया तगड़ा झटका

नई दिल्ली, 3 नवंबर (CRICKETNMORE): सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से वह रिपोर्ट मांगी है, जिसमें बोर्ड के पूर्ण सदस्यों द्वारा वित्तीय कुप्रबंधन का मामला सामने आया था। यह रिपोर्ट एक लेखा

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बीसीसीआई
बीसीसीआई ()
Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
Nov 03, 2016 • 09:50 PM

नई दिल्ली, 3 नवंबर (CRICKETNMORE): सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने गुरुवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से वह रिपोर्ट मांगी है, जिसमें बोर्ड के पूर्ण सदस्यों द्वारा वित्तीय कुप्रबंधन का मामला सामने आया था। यह रिपोर्ट एक लेखा तैयार करने वाली कंपनी 'डेलोइट्टे' ने तैयारा किया था, जिसके अनुसार बोर्ड से संबद्ध चार राज्य खेल संघों ने राशी का दुरुपयोग किया और उनकी प्रशासनिक कार्यवाहियां भी गड़बड़ पाई गईं। IN PICS: दिनेश कार्तिक की वाइफ दीपिका पल्लिकल है परी जैसी खूबसूरत, देखकर दंग रह जाएगें

Saurabh Sharma
By Saurabh Sharma
November 03, 2016 • 09:50 PM

लोढ़ा समिति ने यह भी कहा कि इस रिपोर्ट की पड़ताल करने के बाद ही खिलाड़ियों के वेतन, भत्तों और अन्य खर्चो के लिए राशि वितरण पर फैसला लिया जाएगा।

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समिति ने बोर्ड को रिपोर्ट पेश करने के लिए आठ नवंबर की समयसीमा दी है। इस रिपोर्ट में ओडिशा, असम, जम्मू एवं कश्मीर और हैदराबाद क्रिकेट बोर्डो पर वित्तीय गड़बड़ी के सवाल उठाए गए हैं।

लोढ़ा समिति के सचिव गोपाल शंकरनारायणन ने 28 अक्टूबर को भेजे बीसीसीआई के सचवि अजय शिर्के के पत्र के जवाब में कहा, "ओडिशा, हैदराबाद, असम और जम्मू एवं कश्मीर क्रिकेट बोर्डो के संदर्भ में आपको राज्य खेल संघों पर मेसर्स डेलोइट्टे द्वारा तैयार रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया जाता है, साथ ही यदि राज्य खेल संघों ने इस पर कोई जवाबी-पत्र दिया हो तो वह भी पेश करें।" मनोज तिवारी की वाइफ है कमाल की खूबसूरत, अदाएं दिल को धड़का देगी: PHOTOS

उन्होंने कहा, "यह रिपोर्ट पांच दिनों के अंदर पेश करें। ध्यान रखें कि इन खेल संघों को धनराशि वितरित करने पर फैसला भी सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में उल्लिखित पैरा 20(आई) के तहत ही लिया जाएगा।"

लोढ़ा समिति ने यह भी कहा कि समिति इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के साथ प्रस्तावित समझौता ज्ञापन-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने के संबंध में तब तक कोई निर्देश जारी नहीं करेगी, जब तक इससे संबंधित वित्तीय ब्यौरे उपलब्ध नहीं कराए जाते।

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