एमएस धोनी के बारे में हुआ खुलासा, ऐसा विकेटकीपर भारतीय क्रिकेट में कभी नहीं हुआ
नई दिल्ली,5 दिसम्बर | क्रिकेट में विकेटकीपर का रोल काफी अहम होता है। विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर की राय को कोई भी कप्तान हल्के में नहीं लेता। भारतीय इतिहास में कई ऐसे विकेटकीपर रहे हैं जिन्होंने खेल पर अपना
नई दिल्ली,5 दिसम्बर | क्रिकेट में विकेटकीपर का रोल काफी अहम होता है। विकेट के पीछे खड़े विकेटकीपर की राय को कोई भी कप्तान हल्के में नहीं लेता। भारतीय इतिहास में कई ऐसे विकेटकीपर रहे हैं जिन्होंने खेल पर अपना अलग ही प्रभाव छोड़ा है। इनमें सबसे पहले नाम भारत की मौजूदा सीमित ओवरों की टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धौनी का आता है। धौनी ने क्रिकेट को धर्म माने जाने वाले इस देश में विकेटकीपिंग की नई परिभाषा लिखी। उन्होंने अपने बल्ले से इस पद की योग्यता को और बढ़ा दिया।
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धौनी को भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे सफल टेस्ट विकेटकीपर माना जाता है और आंकड़े भी इस बात की गवाही देते हैं। 2014 में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने वाले धौनी ने कुल 90 टेस्ट मैच खेले हैं और 256 कैच के साथ 38 स्टंपिंग की हैं जोकि किसी भी भारतीय विकेटकीपर द्वारा किए गए सबसे ज्यादा शिकार हैं। धौनी टेस्ट क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर हैं। उन्होंने टेस्ट में 38.09 की औसत से कुल 8,249 रन बनाए हैं जोकि भारतीय टेस्ट विकेटकीपर के तौर पर सबसे ज्यादा रन हैं। टेस्ट में धौनी ने कुल छह शतक और 33 अर्धशतक लगाए हैं।
धौनी के बाद 1983 में पहली बार विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे सयैद किरमानी का नाम आता है। आंकड़ों के लिहाज से वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे सबसे सफल विकेटकीपर हैं। किरमानी ने भारत के लिए 88 मैच खेले हैं और 160 कैच तथा 38 स्टंपिंग की हैं। टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम दो शतक और 12 अर्धशतक भी दर्ज हैं। किरमानी ने 27.04 की औसत से 2,759 रन बनाए हैं जिसमें उनका सर्वोच्च स्कोर 102 रन हैं।
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