'वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में मेरी वजह से धोनी नंबर 5 पर आया था', मुरलीधरन का एक और बड़ा बयान
2011 वर्ल्ड कप फाइनल में एमएस धोनी की नाबाद 91 रनों की पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। गौतम गंभीर के 97 रन और माही की इस यादगार पारी की बदौलत ही भारत 28 सालों बाद वर्ल्ड कप
2011 वर्ल्ड कप फाइनल में एमएस धोनी की नाबाद 91 रनों की पारी भारतीय क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में दर्ज है। गौतम गंभीर के 97 रन और माही की इस यादगार पारी की बदौलत ही भारत 28 सालों बाद वर्ल्ड कप जीतने में सफल रहा था।
हालांकि, श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मुकाबले में दिलचस्प बात ये थी कि युवराज सिंह जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी की थी, इस बड़े मुकाबले में बल्लेबाज़ी के लिए छठे नंबर पर आए जबकि महेंद्र सिंह धोनी उनसे पहले नंबर 5 पर बल्लेबाज़ी के लिए आए थे, माही के इस फैसले ने कई लोगों को चौंका दिया था।
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धोनी ने खुद बाद में खुलासा किया था कि वो श्रीलंका के महान ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधरन से निपटने के लिए उच्च क्रम में बल्लेबाजी करने गए थे क्योंकि वो पूरे टूर्नामेंट में अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे और दाएं-बाएं बल्लेबाज़ का संयोजन बनाए रखने के लिए भी ये फैसला लिया गया था।
हालांकि, मुरली ने अब एक और थ्योरी पेश की है जिसमें कहा गया है कि धोनी उनके दूसरा को अच्छी तरह से पढ़ते थे और इसलिए वो वर्ल्ड कप 2011 फाइनल में युवराज से पहले आए थे। अगर आपको नहीं पता है तो बता दें कि मुरली चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के लिए तब इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में एमएस धोनी की कप्तानी में खेलते थे।
मुरलीधरन ने ईएसपीएन क्रिकइन्फो से बात करते हुए कहा, “मैं कहूंगा कि जब मैं चेन्नई में धोनी को गेंदबाजी कर रहा था, तो उन्होंने मुझे पढ़ ही लिया था। मुझे याद है कि वर्ल्ड कप में युवराज को मेरे बारे में कोई जानकारी नहीं थी। वो बल्लेबाज़ी के लिए आने वाला था लेकिन मुझे लगता है कि मेरी वजह से धोनी युवी की जगह बल्लेबाज़ी के लिए आया।”